

प्रभाष रंजन, दरभंगा | बिहार के सीए सुरेश झा ने रचा इतिहास, ‘ताज स्टोरी’ ने हॉलीवुड तक मचाया धमाल…दरभंगा के घनश्यामपुर के लाल ने कमाल कर दिखाया! अरसे बाद किसी बिहारवासी ने ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित ऐसी फिल्म बनाई है, जो न केवल बॉलीवुड बल्कि हॉलीवुड में भी सुर्खियों में आ गई है।
यह उपलब्धि हासिल की है सीए सुरेश झा ने, जिन्होंने विश्व के सातवें आश्चर्य ताजमहल पर बनी अपनी फिल्म “ताज स्टोरी” के ज़रिए इतिहास को नए नजरिए से प्रस्तुत किया है।
The Taj Story — ताजमहल के रहस्यों पर बनी अनोखी फिल्म
सुरेश झा, जो दरभंगा जिले के घनश्यामपुर प्रखंड के गोई लगमा गांव के निवासी हैं, ने उस विषय पर फिल्म बनाई जिस पर बहस तो बहुत हुई लेकिन किसी ने कैमरे पर उतारने की हिम्मत नहीं की।
उन्होंने कहा कि “ताजमहल पर फिल्म बनाना किसी चुनौती से कम नहीं था”, लेकिन बिहार की मिट्टी की ताकत ने उन्हें यह हौसला दिया।
“फिल्म बनाने से ज्यादा कठिन था सच्चाई दिखाना” — सुरेश झा
फिल्म “ताज स्टोरी” के विशेष शो के दौरान सीए सुरेश झा को सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि फिल्म बनाते वक्त कई बाधाएं और जांचें सामने आईं, लेकिन सच्चाई दिखाने का उनका हौसला कभी नहीं टूटा।
उनका कहना था,
“हमारा उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि ताजमहल को लेकर जो चर्चाएं हैं, उनके साक्ष्यों को सामने लाना था।”
सुपरस्टार परेश रावल की एंट्री से मिली ऊर्जा
फिल्म में काम करने के लिए जब सुपरस्टार परेश रावल ने अपनी सहमति दी, तो टीम में नई ऊर्जा का संचार हुआ।
फिल्म के निर्देशक तुषार अमरीश गोयल और क्रिएटिव निर्माता विकास राधेश्याम ने एक-एक तथ्य को जुटाने में अहम भूमिका निभाई।
इसके अलावा बिहार के अखिलेन्द्र मिश्रा, दरभंगा के अंजनी कुमार, वीणा झा, सर्वज्ञ झा, और स्वर्णिम झा के अभिनय की भी खूब सराहना हो रही है।
रिलीज़ से पहले कोर्ट तक पहुंचा मामला
सीए सुरेश झा भावुक होकर बताते हैं कि फिल्म की स्क्रीनिंग 4 महीने तक रोकी गई और इसे देशभर के विशेषज्ञों की टीम ने परखा। यहां तक कि रिलीज़ से एक दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर कर रोक लगाने की मांग की गई थी। लेकिन सभी मुश्किलों को पार करते हुए फिल्म 31 अक्टूबर को निर्धारित समय पर रिलीज हुई।
2500 सिनेमा घरों में एक साथ रिलीज, दर्शकों ने सराहा
फिल्म देश-विदेश के करीब 2500 सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज हुई और दर्शकों से बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली।
सुरेश झा ने कहा कि
“फिल्म में किसी धर्म या व्यक्ति से छेड़छाड़ नहीं की गई है। जो साक्ष्य सामने आए, उन्हें फिल्मांकन के रूप में ईमानदारी से प्रस्तुत किया गया है।”
बिहार की मिट्टी ने फिर दिखाया दम
“ताज स्टोरी” ने यह साबित कर दिया कि बिहार की प्रतिभा और मेहनत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छा सकती है।
यह फिल्म न केवल इतिहास के नए अध्याय खोल रही है, बल्कि यह संदेश भी दे रही है कि अगर हिम्मत और ईमानदारी हो, तो सच्चाई पर्दे पर भी चमकती है।








