Darbhanga। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) में रिश्वतखोरी के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। सोमवार को हुई इस कार्रवाई में एनएचएआई के महाप्रबंधक रामप्रीत पासवान समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।
छापेमारी में बरामद दस्तावेज और नकदी
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CBI ने पटना, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, रांची और वाराणसी समेत सात ठिकानों पर एक साथ छापा मारा।
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अब तक 1,18,85,000 रुपये नकद, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए।
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सीबीआई की जांच अभी भी जारी है।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
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सीबीआई को सूचना मिली थी कि एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारी निजी कंपनियों से अनुबंधित कार्यों के बिल पास करने के बदले रिश्वत वसूल रहे थे।
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शिकायत की सत्यता की जांच के बाद, 22 मार्च को 12 आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
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निजी कंपनी को बिल पास कराने के लिए 15 लाख रुपये रिश्वत देनी थी, जिसकी डील पटना में एक स्थान पर तय हुई थी।
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सीबीआई ने मौके पर जाल बिछाया और रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए एनएचएआई के महाप्रबंधक समेत तीन अन्य को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार किए गए आरोपी:
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रामप्रीत पासवान – महाप्रबंधक (GM), एनएचएआई, पटना।
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वरुण कुमार – कर्मचारी, राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड।
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सुरेश महापात्रा – महाप्रबंधक (GM), राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (रिश्वत देने वाला)।
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चेतन कुमार – कर्मचारी, राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड।
किन-किन पर केस दर्ज?
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वाई. बी. सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (CGM), क्षेत्रीय अधिकारी, NHAI, पटना।
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श्री कुमार सौरभ, उप महाप्रबंधक (DGM), NHAI, पूर्णिया।
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ललित कुमार, परियोजना निदेशक, NHAI, दरभंगा-मुजफ्फरपुर।
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अंशुल ठाकुर, साइट इंजीनियर, NHAI, दरभंगा-मुजफ्फरपुर।
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हेमेन मेधी, AGM, लेखा विभाग, NHAI, पटना।
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अमर नाथ झा, GM, राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड।
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सत्य नारायण सिंह उर्फ पप्पू सिंह, ठेकेदार, मुजफ्फरपुर।
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राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और अन्य अज्ञात लोक सेवक एवं निजी व्यक्ति।
आगे की कार्रवाई
सीबीआई द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल डिवाइस की गहन जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले से जुड़े और भी बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।
अब ख़बर विस्तार से पटना में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई)के ठेके में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा किया है। साेमवार काे एनएचएआई के पटना क्षेत्रीय कार्यालय के महाप्रबंधक (जीएम) को 15 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। इस मामले में महाप्रबंधक समेत चार आराेपिताें को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही तलाशी के दौरान उनके पास से 1.18 करोड़ रुपये कैश भी बरामद किया गया है।
दरअसल सीबीआई ने 22 मार्च को 12 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमेंं छह सरकारी अधिकारी और निजी कंपनी के प्रतिनिधि भी शामिल थे। इन पर आरोप है कि एनएचएआई के अधिकारी और प्राइवेट कंपनी के लोग ठेके के भुगतान पास कराने के लिए रिश्वत ले रहे थे। 15 लाख रुपये की रिश्वत पटना में एनएचएआई के महाप्रबंधक को दी जानी थी। जैसे ही महाप्रबंधक ने रिश्वत की रकम ली तभी सीबीआई ने जाल बिछाकर एनएचएआई के महाप्रबंधक और रिश्वत देने वाले अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के उनके संर्पक रखने वाले लोगों के बारे में पता किया। इसके बाद सीबीआई की टीमों ने पटना स्थित मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ ही मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, रांची और वाराणसी में एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई में जहां 1.18 करोड़ रुपये कैश जब्त किया गया, वहीं कई डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज भी सीबीआई की टीम ने बरामद किए।
सीबीआई के मुताबिक कि जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें एनएचएआई के महाप्रबंधक रामप्रीत पासवान, मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन के महाप्रबंधक सुरेश महापात्रा एवं कर्मचारी चेतन कुमार व बरुण कुमार भी शामिल हैं। इसके अलावा 12 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। इनमें एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक वाईबी सिंह, उप महाप्रबंधक कुमार सौरभ, पूर्णिया, परियोजना निदेशक (पीडी),ललित कुमार (पीआईयू), दरभंगा/मुजफ्फरपुर, अंशुल ठाकुर, साइट इंजीनियर परियोजना कार्यान्वयन इकाई (पीआईयू), दरभंगा-मुजफ्फरपुर, हेमेन मेधी, एजीएम, लेखा, क्षेत्रीय कार्यालय पटना, अमर नाथ झा, महाप्रबंधक (जीएम), मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, सत्य नारायण सिंह उर्फ पप्पू सिंह ठेकेदार, मुजफ्फरपुर, मेसर्स राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और अज्ञात अन्य लोक सेवक और निजी व्यक्ति शामिल हैं।