नहाय-खाय के साथ मंगलवार से चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत हो गई। इस अवसर पर छठ व्रतियों ने घर आंगन को गाय के गोबर से नीप-पोकर और नये चुल्हे पर अरबा चावल तथा कुद्दू की सब्जी बनाकर खाई, जिसके साथ ही छठो पासना का क्रम भी प्रारंभ हुआ।
अरबा अन्न का सेवन और खरना की तैयारी
अगले 24 घंटे तक छठ व्रती अरबा अन्न ही ग्रहण करेंगे, तत्पश्चात शनिवार को देर शाम खरना का प्रसाद तैयार कर स्वयं ग्रहण करेंगे और फिर घर के लोगों के बीच वितरित करेंगे।
बाजार में मंहगाई का असर, फिर भी आस्था का कोई असर नहीं
छठ महापर्व को लेकर क्षेत्र के बाजार में खासा रौनक देखी गई। नहाय-खाय के दिन कद्दू, जो सामान्य दिनों में 15-20 रुपये में बिकता था, आज बाजार में 35-40 रुपये तक बिका। वहीं, छठी मैइया के डाली में चढ़ाने के लिए हल्दी, निबू, सुथनी नारियल, केला जैसी चीजों की कीमत भी आसमान पर थी। बावजूद इसके, श्रद्धालु महंगाई को नजरअंदाज कर आस्था में डूबे हुए थे।
घाटों की सफाई और बैरिकेटिंग की तैयारी
अस्ताचल और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों की सफाई और सजावट का काम तेज हो गया है। स्थानीय युवाओं की टोली घाटों की सफाई में जुटी हुई है, जबकि नगर परिषद क्षेत्र में सरकारी स्तर पर छठ घाटों की सफाई और गहरे पानी वाले घाटों पर बैरिकेटिंग की व्यवस्था की जा रही है। इस व्यवस्था का जायजा अनुमंडल पदाधिकारी शंभू नाथ झा, अनुमंडल आरक्षी पदाधिकारी आशुतोष कुमार और नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जय कुमार संयुक्त रूप से ले रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में छठ घाटों का निरीक्षण
वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों के छठ घाटों का निरीक्षण प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवीण कुमार और अंचल अधिकारी अश्विनी कुमार कर रहे हैं। उन्होंने इस दौरान संबंधित मुखिया और पंचायत सचिव को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
छठी मैइया के गीतों से वातावरण में गूंज
इस महापर्व के दौरान चारों दिशाओं में छठी मैइया के गीत गूंजने लगे हैं, जो इस पर्व की विशिष्टता और श्रद्धा को और अधिक बढ़ा रहे हैं।