back to top
16 अगस्त, 2024
spot_img

गर्व का क्षण! छठ पूजा होगी ‘World Heritage List’ में शामिल!

आप पढ़ रहे हैं दुनिया भर में पढ़ा जाने वाला Deshaj Times...खबरों की विरासत का निष्पक्ष निर्भीक समर्पित मंच...चुनिए वही जो सर्वश्रेष्ठ हो...DeshajTimes.COM
spot_img
Advertisement
Advertisement

छठ पूजा होगी ‘विश्व धरोहर’ में शामिल! यूनेस्को सूची में जाने को तैयार सनातन का महापर्व। बिहार-यूपी के लिए गर्व का पल! छठ पूजा को यूनेस्को विश्व विरासत का दर्जा मिलने की तैयारी। सनातन संस्कृति का वैश्विक सम्मान!@दरभंगा,देशज टाइम्स।

छठपूजा विश्व धरोहर में शामिल होने की ओर —

छठ पूजा को मिलेगी यूनेस्को धरोहर सूची में जगह। छठ पूजा की गूंज पहुंचेगी विश्व तक! यूनेस्को धरोहर सूची में शामिल करने की अनुशंसा। गर्व का क्षण! छठ पूजा को मिलेगा विश्व धरोहर का दर्जा, मिथिला-भारत का नाम रोशन। छठ महापर्व की अंतरराष्ट्रीय पहचान पक्की! यूनेस्को सूची में जाने की तैयारियां पूरी@दरभंगा,देशज टाइम्स।

छठ महापर्व को मिलेगी वैश्विक पहचान

भारत सरकार ने छठ पूजा को यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर सूची (World Heritage List) में शामिल करने के लिए औपचारिक अनुशंसा भेज दी है।
यह निर्णय न केवल सनातन संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि भारतीय त्योहारों की वैश्विक प्रतिष्ठा को भी बढ़ाएगा।

दरभंगा के सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर ने जानकारी दी कि केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने 24 जुलाई 2025 को संगीत नाटक अकादमी के सचिव को पत्र लिखकर इस पहल की पुष्टि की है।

यूनेस्को विश्व धरोहर सूची — क्या है महत्व

यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में वर्तमान में 1233 धरोहर स्थल शामिल हैं। इनमें 952 सांस्कृतिक विरासत (Cultural Heritage), 231 प्राकृतिक विरासत (Natural Heritage), 40 मिश्रित विरासत (Mixed Heritage) हैं।

इन स्थलों को पांच भौगोलिक क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है। इसमें, अफ्रीका, अरब राज्य, एशिया और प्रशांत क्षेत्र, यूरोप और उत्तरी अमेरिका, कैरिबियन क्षेत्र शामिल हैं।

यह भी पढ़ें:  Darbhanga JDU Legal Cell के जिला अध्यक्ष बने अधिवक्ता सुशील चौधरी

छठ पूजा का सांस्कृतिक महत्व

छठ पूजा बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित भारत के कई राज्यों और विदेशों में बसे भारतीय समुदायों द्वारा बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देव और छठी मइया की उपासना का अद्वितीय उदाहरण है, इसमें:

सूर्यास्त और सूर्योदय के समय अर्घ्य दिया जाता है। 72 घंटे का कठिन व्रत रखा जाता है, जिसमें उपासक बिना जल ग्रहण किए तपस्या करते हैं। नदी, तालाब, और घाटों पर पूजा की जाती है, जो प्रकृति संरक्षण और जल स्रोतों के महत्व को भी दर्शाता है।

यह भी पढ़ें:  अब Darbhanga के किसान बनेंगे मालिक! खेती होगी आसान! सिर्फ 20% खर्च कर खोल सकेंगे कृषि यंत्र बैंक

केंद्र की पहल — सनातन संस्कृति को बढ़ावा

इस पहल को भारतीय सांस्कृतिक कूटनीति (Cultural Diplomacy) का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। दरभंगा के सांसद डा गोपाल जी ठाकुर ने बताया कि भारत की सांस्कृतिक मंत्रालय के द्वारा 24 जुलाई 2025 को नाटक अकादमी के सचिव को लिखे पत्र में छठ पूजा की सांस्कृतिक पहचान को उस सूची में शामिल करने का संदेश दिया गया है।

सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर के अनुसार:

“छठ पूजा का यूनेस्को धरोहर सूची में शामिल होना मिथिला और सनातन धर्मावलंबियों के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।”

केंद्र सरकार का यह निर्णय कि सनातन संस्कृति को वैश्विक मंच पर स्थापित करेगा। सांस्कृतिक विरासत को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और संरक्षण देगा। पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।

मिथिला के लिए गौरव का क्षण

मिथिला क्षेत्र, जहां छठ पूजा की जड़ें गहराई से जुड़ी हैं, इस निर्णय को ऐतिहासिक जीत के रूप में देख रहा है। यह स्थानीय कलाकारों, लोक परंपराओं, और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए वैश्विक मंच खोलेगा। यूनेस्को मान्यता मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय पर्यटक इस पर्व में शामिल होने के लिए आकर्षित होंगे।

यह भी पढ़ें:  कुशेश्वरस्थान के 2000 एकड़ में बनेगा इंडस्ट्रियल पार्क, नई बाइपास सड़क और पुल –चमकेगी बाबा नगरिया की किस्मत

यूनेस्को मान्यता से मिलने वाले लाभ

वैश्विक संरक्षण — छठ पूजा की परंपराओं को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सुरक्षा मिलेगी। पर्यटन विकास — धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नई दिशा मिलेगी। सांस्कृतिक गर्व — स्थानीय समुदाय की पहचान वैश्विक स्तर पर होगी। आर्थिक वृद्धि — पर्यटन और आयोजन से स्थानीय कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।

ये होंगे अगले विस्तारित कदम

अब यूनेस्को की अंतरराष्ट्रीय समिति इस प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगी। यदि प्रस्ताव को स्वीकृति मिलती है, तो छठ पूजा को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (Intangible Cultural Heritage) के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा। यह प्रक्रिया आमतौर पर 12-18 महीनों में पूरी होती है।

भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान होगा मजबूत

छठ पूजा का विश्व धरोहर सूची में शामिल होना न केवल भारतीय संस्कृति की वैश्विक पहचान को मजबूत करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए इस परंपरा के संरक्षण का भी आश्वासन देगा। यह कदम भारत की सांस्कृतिक शक्ति और आध्यात्मिक विरासत को विश्व मानचित्र पर और अधिक चमकाने वाला साबित होगा।

जरूर पढ़ें

घोघराहा-जाले मुख्य मार्ग पर बाइक से कुचलकर वृद्ध महिला की मौत

जाले में सड़क हादसा! 70 साल की महिला की मौत, बाइक छोड़कर भागा चालक।...

अब Darbhanga के किसान बनेंगे मालिक! खेती होगी आसान! सिर्फ 20% खर्च कर खोल सकेंगे कृषि यंत्र बैंक

बिहार के दरभंगा खासकर जाले में खेती का नया दौर! कृषि यंत्र बैंक खोलने...

Darbhanga JDU Legal Cell के जिला अध्यक्ष बने अधिवक्ता सुशील चौधरी

बेनीपुर, दरभंगा: बिहार प्रदेश जनता दल यूनाइटेड (JDU) विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ....

बच्चियां नहाने गईं, 7 साल की प्रिंसी नहीं लौटी, खेल-खेल में चली गई जान, कमला नदी में डूबकर मौत

कमला नदी में मासूम की डूबकर मौत! खेल-खेल में चली गई थी गहरे पानी...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें