सतीश चंद्र झा, बेनीपुर देशज टाइम्स। बिहार सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक भूख एवं कुपोषण को देश के लिए कलंक बता रहे हैं और इसे दूर करने के लिए एड़ी चोटी एक किए हुए हैं तो दूसरी ओर इसे दूर करने की जिम्मेदारी संभाल रही आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका पिछले 11 दिन से बच्चों का निवाला ठप कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रही है।
अब करो या मरो की स्थिति में आंदोलन को तेज करने की घोषणा की है। ज्ञात हो कि बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ अपने पांच सूत्री मांगों के समर्थन में पिछले 29 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं।
इसके कारण प्रखंड क्षेत्र के सभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़े हैं। फलस्वरूप भूख एवं कुपोषण दूर भगाने के उद्देश्य से चलाई जा रही इस आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चौं को पिछले 11 दिनों से पोषाहार बंद है।
और अब गर्भवती एवं प्रसूति महिलाओं को घर ले जाने के लिए मिलने वाली टेक होम राशन पर भी आफत होने वाली है। क्योंकि सेविका एवं सहायिका अपने मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर उतरने जा रही है,
जिसके लिए आगामी 13 अक्टूबर का तिथि भी घोषित कर दिया गया है। उस दिन सभी आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका एवं सहायिका अपने अपने परियोजना कार्यालय पर भूख हड़ताल पर बैठकर अपने मांगों का आवाज बुलंद करेगी।
विदित हो कि आंगनबाड़ी सेविका सहायिका पिछले कई वर्षों से सम्मानजनक मानदेय भुगतान करने एवं सरकारी कर्मी का दर्जा दिए जाने की मांग के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में ग्रेच्युटी भुगतान और अनुभव के आधार पर प्रमोशन की मांग करते आ रहे हैं।
लेकिन आज तक इस आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। लेकिन इस बार करो या मरो की तर्ज पर आंदोलन की घोषणा करते हुए सरकारी करण की दर्जा एवं तत्काल₹25000 मानदेय भुगतान की मांग पर अरे हुए हैं।
इस संबंध में बेनीपुर आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ की अध्यक्ष रेखा सिंह ने बताया कि इस बार लड़ाई आर पार की होगी, जब तक सेविका सहायिका के साथ पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुरूप सरकार मानदेय और सभी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करती है तब तक हड़ताल जारी रहेगी और आगामी 13 अक्टूबर को कार्यालय पर भूख हड़ताल की जाएगी।