back to top
25 नवम्बर, 2024
spot_img

दरभंगा में कृषि वैज्ञानिकों का आह्वान, ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कउनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू खाना है यही उपजाना है

spot_img
spot_img
spot_img
जाले, देशज टाइम्स। कृषि विज्ञान केंद्र जाले के सभागार में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, दरभंगा और केभी के संयुक्त तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज  वर्ष अंतर्गत एक दिवसीय जागरूकता अभियान सह कर्मशाला का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के जिला प्रबंधक मिस आकांक्षा विष्णु ने बताया कि वर्तमान परिवेश में हमारी जीवन शैली में लगातार परिवर्तन होने के कारण बीमारियां भी बढ़ने लगी है।
किंतु जागरूक लोग अब धीरे-धीरे पुराने खान-पान की तरफ लौटने लगे हैं। पुराने खानपान में मिलेटस की मात्रा भरपूर होती थी, लेकिन समय अभाव के  कारन वक्त के साथ-साथ इनसे दूर होने लगे। मिलेट्स के प्रति लोगों में अब जाग रूकता बढ़ी है।
केंद्र के फसल उत्पादन विशेषज्ञ डॉक्टर सिराजुद्दीन ने बताया कि ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कउनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू को आम बोलचाल में मोटा अनाज या मिलेटस कहा जाता है।
ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, कुटकी तो आसानी से मिल जाते हैं लेकिन सावां, कंउनी, चीना का उत्पादन अब काफी कम हो गया है। इस परिपेक्ष में सरकार द्वारा कई ऐसी परियोजनाएं चलाई जा रही है जिससे कि मोटे अनाज के उत्पादन अथवा इसके बारे में किसानों को जागरूक किया जाए।
केंद्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. गौतम कुणाल ने बताया कि मोटे अनाज रोग अथवा कीड़े के आक्रमण से अपने आप को बचाने में बहुत हद तक निपुण है। मोटे अनाजों में रोग अथवा कीड़ों का संक्रमण बहुत कम देखा जाता है। अतः इन फसलों पर कृषि रसायन का प्रयोग बहुत कम किया जाता है।
इसका प्रतिकूल प्रभाव हमारे शरीर पर नहीं पढ़ पाता और हम स्वस्थ रखते हैं। केंद्र की गृह वैज्ञानिक पूजा कुमारी ने बताया कि इस जागरूकता सहकर्मशाला कार्यक्रम में कुल 153 कृषकों ने भाग लिया। अपनी वाणी को आगे बढ़ाते हुए
उन्होंने बताया कि मोटा अनाज कई दृष्टि से हमारी सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी उपयोगिता इस बात से आंकी जा सकती है कि मोटा अनाज शुगर जैसी बीमारी पर काबू के लिए दक्ष हैं।
केंद्र की कृषि अभियंत्रिकी अंजलि सुधाकर ने मोटे अनाजों के कटाई उपरांत प्रसंस्करण पर चर्चा की। केंद्र के विशेषज्ञ डॉ जगपाल ने आए हुए सभी कृषक बंधुओं से यह आग्रह किया कि केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष को सफल बनाने के लिए अपनी सक्रिय योगदान दें। इस कार्यक्रम के दौरान केंद्र के अन्य सहकर्मी उपस्थित थे।

--Advertisement--

ताज़ा खबरें

Editors Note

लेखक या संपादक की लिखित अनुमति के बिना पूर्ण या आंशिक रचनाओं का पुर्नप्रकाशन वर्जित है। लेखक के विचारों के साथ संपादक का सहमत या असहमत होना आवश्यक नहीं। सर्वाधिकार सुरक्षित। देशज टाइम्स में प्रकाशित रचनाओं में विचार लेखक के अपने हैं। देशज टाइम्स टीम का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है। कोई शिकायत, सुझाव या प्रतिक्रिया हो तो कृपया [email protected] पर लिखें।

- Advertisement -
- Advertisement -