दरभंगा, देशज टाइम्स। चिराग पासवान ने दरभंगा में नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है। उन्हें हर कोने से घेरने की कोशिश करते हुए शिक्षक नियुक्ति से लेकर चुनाव लड़ने तक के संवादों पर उन्हें लपेटा और साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा चोर दरवाजे से सीएम बन जाते हैं।
उन्होंने सीएम नीतीश कुमार को ललकराते कहा कि अगर दम है तो इसबार चुनाव लड़कर दिखाएं। हमें भी देखना है वो चुनाव कैसे लड़ते हैं। आजतक किसी ने उन्हें चुनावी मैदान में लड़ते नहीं देखा। इतने भर से चिराग नहीं रूका, यहां तक कहा कि उन्होंने मेरा घर और मेरी पार्टी तोड़ी है। पढ़िए रितेश कुमार सिन्हा की यह रिपोर्ट….
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई से सांसद चिराग पासवान दरभंगा में आयोजित पासवान स्वाभिमान सम्मेलन में सम्मिलित होने पहुंचे थे जहां उपस्थित कार्यकर्त्ताओं ने चिराग पासवान को जोरदार स्वागत किया।
सांसद चिराग पासवान ने अपने चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे पिता के निधन के बाद अपनी महत्वकांक्षाओ के कारण घर व पार्टी को तोड़ने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि बिहार के लोग और पासवान समाज के लोगो का धन्यवाद करटे हुए कहा कि जिस तरह से मेरे पिता के निधन मेरे सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया और मुझे आगे बढ़ाने का काम किया है। वहीं आज के बिहार की 13 करोड़ जनता ही मेरा परिवार है।
चिराग पासवान यही नहीं रुके उन्हें NDA निकले जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम क्यों NDA से निकले ये महत्वपूर्ण नहीं किनके कारण निकाला गया यह महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि वो कौन लोग है जिन्हें हमने तीसरे नंबर की पार्टी बनाई थी जिनके राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग मॉडल नाम लेते नही थकते थे।
उनलोगों केंद्र के साथ मिलकर मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया। पर्दे के पीछे रहकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचकर मुझे पहले NDA निकलवाया फिर मुझसे मेरे बंगला खाली करवाया गया। चिराग ने सीधा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर परिवार और पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया है।
मेरा लक्ष्य सिर्फ बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट करने की ओर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि शिक्षक बहाली में बहुत धांधली हुई है। हर आदमी को पता है कि किस तरीके से पिछले चोर दरवाजे से नियुक्ति की जा रही है।
अभी हमारे मुख्यमंत्री की सिर्फ एक ही महत्वकांक्षा है प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे है ऐसे डोमिसाइल नीति को हटाने का फैसला उसी उद्देश्य के हिसाब से किया गया है। इसके बाद वो देश भर के लोगो को दिखाएंगे की हमने बिहार में इतने लोगो को रोजगार दिया है।
जो मुख्यमंत्री बिहार के लोगो को रोजगार नही दे सके वह देशभर के लोगो को ड्रामा करके दिखाना चाहते है हमने देश भर के लोगो को बिहार में रोजगार दिया है।
हमारे मुख्यमंत्री को आगामी चुनाव को लेकर भी संभावनाएं दिख रही हैं। देखते हैं कि इसबार भी वो चुनाव लड़ते हैं कि नहीं। हमारी पीढ़ी अभी तक उनको किसी भी तरह का चुनाव लड़ते अभी तक नहीं देखा है। ये ऐसे मुख्यमंत्री हैं जैसे बिहार पिछले दरवाजे से नियुक्तियां करवाते हैं। ठीक उसी तरह से ये पिछली दरवाजे से मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
ये बार बार MLC के माध्यम से आते है और मुख्यमंत्री बन जाते हैं। आखिरी बार इन्होंने कब लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ा दो दशकों में किसी ने नहीं देखा है। ऐसे में जनता के दर्द को कैसे समझेंगे।