हिमाचल में बादल फटने से तबाही, दरभंगा के सिंहवाड़ा की महिला का शव बरामद | Himachal Cloudburst News
चंबा/हमीरपुर/दरभंगा, देशज टाइम्स। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर प्राकृतिक आपदा ने विकराल रूप ले लिया है। चंबा जिले के चुराह उपमंडल में पंगोला नाले में बादल फटने से भारी तबाही मची है, जबकि हमीरपुर में बहे दरभंगा के सिंहवाड़ा की महिला का शव मंगलवार को बरामद कर लिया गया।
मुख्य बिंदु संक्षेप में: सिंहवाड़ा की किरण देवी का शव दो दिन बाद बरामद
चंबा जिले के चुराह में बादल फटने से सड़कें टूटीं। दरभंगा की किरण देवी का शव दो दिन बाद बरामद। मंडी में अब तक 19 मौतें, 52 लोग लापता। हूटर की आवाज और बारिश ने लोगों को फिर दहशत में डाला। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किए, अलर्ट जारी
दरभंगा की किरण देवी की दर्दनाक मौत
6 जुलाई को, हमीरपुर जिले के शुक्कर खड्ड के किनारे बर्तन धो रही दरभंगा जिले के सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के मनिकौली गांव निवासी 30 वर्षीय किरण देवी, पत्नी सुखराज, पानी के तेज बहाव में बह गई थी। मंगलवार को उनका शव बरामद किया गया, जिससे परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय पुलिस एवं राहत दलों ने दो दिन तक तलाशी अभियान चलाया।
बादल फटने से चंबा जिले का टूटा संपर्क
चुराह के पंगोला नाले में बादल फटने के कारण गडफरी और थल्ली पंचायतों को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग बह गया। करीब 3,000 आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय चंबा से कट गया है। प्रशासन की ओर से आपात राहत और पुर्नवास कार्य शुरू कर दिया गया है।
मंडी में 19 मौतें, 52 लोग लापता
मंडी जिले के करसोग उपमंडल के कुटी गांव से बहे ललित कुमार (41) का शव 100 किलोमीटर दूर करला में सतलुज नदी से बरामद हुआ है। 30 जून को आई तबाही में मंडी जिले में अब तक 19 लोगों की मौत और 52 के लापता होने की पुष्टि हुई है। थुनाग से जरोल तक मार्ग अस्थायी रूप से बहाल कर जंजैहली को भी जोड़ा गया है।
तेज बारिश और हूटर से लोगों में मची अफरातफरी
30 जून और 1 जुलाई की तबाही के बाद थुनाग के लोग अब भी दहशत में जी रहे हैं। सोमवार रात 10:34 बजे तेज बारिश और हूटर बजने से पूरे क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। सुरेंद्र पाल और बलवीर सिंह जैसे लोग खाना छोड़कर ढाई किलोमीटर दूर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे।
प्रशासन की चेतावनी, लेकिन डर बना हुआ है
प्रशासन ने साफ किया है कि यदि हूटर लगातार 5 मिनट तक बजे तभी सुरक्षित स्थानों पर जाएं, लेकिन बीते हादसों की दहशत इतनी गहरी है कि लोग थोड़ी भी आहट पर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगते हैं। जंजैहली बाजार और आसपास के इलाकों में भी लोग पूरी रात जागते रहे।