दरभंगा में देशभक्ति की गूंज, मांग, नेतृत्व और श्रद्धांजलि…शहीद सूरज नारायण सिंह को लेकर CM नीतीश से हुई बड़ी मांग। शहीद सूरज नारायण सिंह को भारत रत्न दिलाने की उठी मांग! CM नीतीश को सौंपा गया मांग पत्र।@दरभंगा,देशज टाइम्स।
नीतीश की मौजूदगी में शहीद के सम्मान की हुंकार!
भारत रत्न दो या आंदोलन होगा? आनंद मोहन की गरजती आवाज़, नीतीश को सौंपा 5 सूत्रीय मांग पत्र। शहीद को भारत रत्न कब मिलेगा? दरभंगा की पवित्र धरती से उठी जनभावना की आवाज़। नीतीश की मौजूदगी में शहीद के सम्मान की हुंकार!
क्या भारत रत्न मिलेगा सूरज नारायण सिंह को? CM नीतीश से हुई खुली मांग
सूरज नारायण सिंह को मिले राष्ट्रीय पहचान। शहीद सूरज नारायण सिंह को लेकर दरभंगा में उमड़ा जनसैलाब, भावुक हुआ मंच। क्या भारत रत्न मिलेगा सूरज नारायण सिंह को? CM नीतीश से हुई खुली मांग, अब केंद्र की बारी!@दरभंगा,देशज टाइम्स।
दरभंगा में शहीद सूरज नारायण सिंह स्मृति समारोह में शामिल हुए सीएम नीतीश, भारत रत्न की उठी मांग
दरभंगा,देशज टाइम्स – स्वतंत्रता सेनानी शहीद सूरज नारायण सिंह की स्मृति में आयोजित समारोह में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया। समारोह का आयोजन शहीद के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उनके आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया था।
मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम ने किया दीप प्रज्वलन
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर की गई। इस दौरान कई वरिष्ठ नेता और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। यह कार्यक्रम एक राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत आयोजन बन गया, जहां राजनीति से परे एकजुटता देखने को मिली।
आनंद मोहन ने सौंपा मांग पत्र, भारत रत्न देने की मांग
पूर्व सांसद आनंद मोहन, जो शहीद सूरज नारायण सिंह के परिवार से संबंधित हैं, ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री को एक पांच सूत्री मांग पत्र सौंपा। मुख्य मांग: शहीद सूरज नारायण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। आनंद मोहन ने आग्रह किया कि मुख्यमंत्री इस मांग को केंद्र सरकार तक पहुंचाएं और इसे गंभीरता से आगे बढ़ाएं।
सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद
मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सख्त सुरक्षा व्यवस्था की थी। समारोह स्थल और आसपास के क्षेत्र में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई। ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से निगरानी हो रही। शांति और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए वृहद इंतजाम किए गए थे।
बलिदान की स्मृति, नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
यह स्मृति समारोह केवल श्रद्धांजलि का अवसर नहीं था, बल्कि यह उस विचारधारा को आगे ले जाने का माध्यम बना, जो शहीद सूरज नारायण सिंह जैसे जननायकों ने अपने जीवन से स्थापित की। भारत रत्न की मांग शहीद के योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने की एक बड़ी पहल मानी जा रही है।