राजवीर सिंह, दरभंगा | नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति में हमेशा एक सुधारक और क्रांतिकारी नेता के रूप में देखा गया है। उनकी हाल की प्रगति यात्रा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया जब उन्होंने दरभंगा के कमलपुर क्षेत्र में ऑन द स्पॉट फैसले लेकर जनता के दिलों में अपनी जगह और गहरी कर ली।
कमलपुर में दिव्यांग बच्चे की समस्या पर लिया बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मधुबनी से दरभंगा की ओर अपनी यात्रा के दौरान कमलपुर क्षेत्र में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने चौपाल लगाई और सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां, उन्होंने 13 वर्षीय एक दिव्यांग बच्चे, शमीम, की समस्या सुनी।
शमीम के परिवार ने बताया कि विकलांग होने के बावजूद उसे सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह सुनकर मुख्यमंत्री ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने की मौजूदा प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने का निर्देश दिया।
“सहयोग, सौहार्द्र और भाईचारे” का संदेश
मुख्यमंत्री ने अपनी सभा में कहा,
“सहयोग, सौहार्द्र और भाईचारे का माहौल कायम रहेगा, तो बिहार 2015 तक बदला-बदला विकसित राज्य बन जाएगा।”
इस संदेश के साथ उन्होंने जनता को यह भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार हर वर्ग और समुदाय के कल्याण के लिए तत्पर है।
मुख्यमंत्री का “नायक” अंदाज़
नीतीश कुमार के इस “ऑन द स्पॉट” फैसले की तुलना फिल्म नायक में अनिल कपूर के किरदार से की जा रही है। जिस तरह फिल्म में मुख्यमंत्री तुरंत जनता की समस्याओं का समाधान करता है, उसी तरह नीतीश कुमार ने शमीम और अन्य दिव्यांग बच्चों के लिए नियमों में बदलाव का आदेश देकर जनता को यह एहसास दिलाया कि सरकार उनकी भलाई के लिए तत्पर है।
दरभंगा यात्रा की मुख्य झलकियां
- मदरसे की बच्ची को प्रोत्साहन: मुख्यमंत्री ने स्कूल न जाने वाली बच्ची को शिक्षा का महत्व समझाते हुए पढ़ाई जारी रखने की सीख दी।
- रात्रि विश्राम: स्थानीय गांव में ठहरने के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण जीवन के अनुभव साझा किए और लोगों से जुड़ने का प्रयास किया।
- दिव्यांग बच्चों के लिए बदलाव: विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्देश देकर उन्होंने एक नई शुरुआत की।
जनता की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री के इस फैसले ने दरभंगा और आसपास के इलाकों में सकारात्मक प्रतिक्रिया पैदा की है। लोग उनके इस “नायक” अंदाज़ की सराहना कर रहे हैं। खासकर दिव्यांग बच्चों के परिवारों में उम्मीद की एक नई किरण जगी है।
निष्कर्ष:
नीतीश कुमार ने इस यात्रा के दौरान केवल जनता की समस्याओं को सुना ही नहीं, बल्कि उनके समाधान के लिए ठोस कदम भी उठाए। यह दिखाता है कि उनकी सरकार का ध्यान केवल योजनाओं पर नहीं, बल्कि लोगों की वास्तविक समस्याओं के समाधान पर भी केंद्रित है।