CM Science College Workshop: ज्ञान के गलियारों में जब शोध की लौ जलती है, तो नई दिशाओं का सृजन होता है। सीएम साइंस कॉलेज में चल रही तीन दिवसीय कार्यशाला का दूसरा दिन इसी सृजन की एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुआ, जहाँ भविष्य के शोधार्थियों को गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान के गूढ़ रहस्यों से अवगत कराया गया। शुक्रवार को इस कार्यशाला का विधिवत समापन होगा।
सीएम साइंस कॉलेज कार्यशाला: प्रयोगशाला सुरक्षा और सेल कल्चर की बारीकियां
सीएम साइंस कॉलेज के पीजी जंतु विज्ञान विभाग द्वारा रिसर्च मेथोडोलॉजी विषय पर आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन की शुरुआत ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पीजी वनस्पति शास्त्र के डॉ. अंकित कुमार सिंह के व्याख्यान से हुई। उन्होंने प्रयोगशाला सुरक्षा तथा सेल कल्चर की मूलभूत जानकारियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. सिंह ने शोधार्थी प्रतिभागियों को प्रयोगशाला में अनुसरण किए जाने वाले सुरक्षा मानकों और सेल कल्चर तकनीकों के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया, जो किसी भी **वैज्ञानिक अनुसंधान** की गुणवत्ता को सीधे प्रभावित करता है।
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दूसरे सत्र में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पीजी रसायन शास्त्र के डॉ. अभिषेक राय ने गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य में समीक्षा साहित्य के महत्व को रेखांकित करते हुए एक सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि किसी भी शोध कार्य की मजबूत नींव उपयुक्त साहित्य समीक्षा पर आधारित होती है, जो शोध की उत्कृष्टता के दिशा निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
आधुनिक अनुसंधान में पीसीआर तकनीक की भूमिका
कार्यशाला के दूसरे दिन का तीसरा व्याख्यान आरएमआरसी (आईसीएमआर), गोरखपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह ने ऑनलाइन माध्यम से प्रस्तुत किया। अपने व्याख्यान में उन्होंने पीसीआर (पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) तकनीक के सिद्धांत, इसकी उपयोगिता तथा आधुनिक अनुसंधान में इसकी भूमिका पर विस्तृत जानकारी प्रतिभागियों को प्रदान की। डॉ. सिंह के व्याख्यान ने प्रतिभागियों को आणविक जीवविज्ञान की इस महत्वपूर्ण तकनीक की गहरी समझ प्रदान की, यह किसी भी आधुनिक **वैज्ञानिक शोध** के लिए एक अपरिहार्य उपकरण है।
कार्यशाला का सफल संचालन और प्रमुख उपस्थिति
दूसरे दिन के सभी सत्र प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी एवं ज्ञानवर्धक साबित हुए। कार्यशाला की संयोजिका सह विभागाध्यक्ष डॉ. पूजा अग्रहरि ने दिनभर चले विभिन्न सत्रों के मुख्य बिंदुओं का सार प्रस्तुत किया और प्रतिभागियों को विषयों के व्यावहारिक महत्व से अवगत कराया। कार्यशाला के दूसरे दिन की कार्यवाही का संचालन डॉ. विनिता सिंह ने सफलतापूर्वक किया।
कार्यशाला में पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. राम कुमार मिश्र, महाविद्यालय के पीजी रसायन विभागाध्यक्ष डॉ. वीडी त्रिपाठी, पीजी वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. खालिद अहमद सहित विभिन्न विभागों के शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। कार्यशाला के दूसरे दिन की सफलता में विभाग की शिक्षिका डॉ. अंशु सिन्हा, डॉ. हर्षा कश्यप, डॉ. एम. तालिब खान, डॉ. सुमित कुमार कोले आदि की उत्साहपूर्ण सहभागिता रही। अंत में, डॉ. वरुण कुमार प्रभात ने उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
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