केवटी, दरभंगा | जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) के मृतक छात्र जतिन गौतम के न्याय की मांग को लेकर चल रहे धरना/अनशन में बुधवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया। नवोदय मृतक छात्र जतिन गौतम की मां और केवटी पंचायत की मुखिया रुबी देवी की तबीयत धरना स्थल पर अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद माहौल गंभीर हो गया।
धरना स्थल पर बिगड़ी तबीयत
जानकारी के अनुसार, रुबी देवी 8 जुलाई को जवाहर नवोदय विद्यालय, पचाढ़ी में हुई अपने बेटे जतिन गौतम की संदिग्ध मौत की CBI जांच सहित कई मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से अनशन पर बैठी थीं।
बुधवार दोपहर अचानक उनकी स्वास्थ्य स्थिति खराब हो गई।
धरना स्थल पर मौजूद लोगों ने तुरंत चिकित्सा प्रभारी को सूचना दी।
डॉ. एन. के. लाल के नेतृत्व में मेडिकल टीम मौके पर पहुंची और प्राथमिक उपचार शुरू किया।
जतिन गौतम की मौत: एक संवेदनशील मामला
जतिन गौतम (आयु 12 वर्ष) की 8 जुलाई को पचाढ़ी जवाहर नवोदय विद्यालय के अरावली जूनियर बालक छात्रावास में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
परिजनों का आरोप है कि यह हत्या है और विद्यालय प्रशासन सच्चाई छुपा रहा है।
मामला वर्तमान में उच्च स्तरीय जांच और CBI जांच की मांग के कारण राष्ट्रीय सुर्खियों में है।
इस घटना ने स्थानीय समाज में आक्रोश और चिंता की लहर पैदा की है।
धरना और अनशन की पृष्ठभूमि
केवटी प्रखंड मुख्यालय में कई दिनों से धरना और अनशन जारी है।
धरना की मुख्य मांगें —
जतिन गौतम की मौत की CBI जांच।
विद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा।
दोषियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई।
परिवार को न्यायिक मुआवजा।
विद्यालय प्रबंधन में जवाबदेही सुनिश्चित करना।
मुखिया रूबी देवी की भूमिका
रुबी देवी केवल जतिन की मां ही नहीं, बल्कि केवटी पंचायत की निर्वाचित मुखिया भी हैं।
उन्होंने अपने जनप्रतिनिधि पद और मातृत्व के भाव को एकजुट कर इस आंदोलन का नेतृत्व किया।
धरना स्थल पर उनकी दृढ़ता और साहस को स्थानीय लोग प्रेरणा मानते हैं।
स्वास्थ्य स्थिति और उपचार
तबीयत बिगड़ने पर मेडिकल टीम ने मौके पर ही
ब्लड प्रेशर जांचा
ग्लूकोज और प्राथमिक दवाएं दीं
आवश्यक होने पर उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी भी की गई
चिकित्सा प्रभारी डॉ. एन. के. लाल ने कहा —
“लंबे समय से भोजन और आराम की कमी के कारण उनकी तबीयत बिगड़ी है। हम लगातार उनकी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।”
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि
मामले की निष्पक्ष जांच होगी
धरना स्थल पर चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाएगी
बिहार सरकार के जिला अधिकारियों का कहना है कि वे परिवार और आंदोलनकारियों से संवाद कर रहे हैं ताकि स्थिति का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सके।
सामाजिक और राजनीतिक दबाव
इस घटना ने सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों का ध्यान खींचा है।
कई स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि धरना स्थल पर जाकर समर्थन जता चुके हैं।
सोशल मीडिया पर भी #JusticeForJatin अभियान चल रहा है।
सिस्टम की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल
जतिन गौतम की मौत का मामला केवल एक विद्यालयीय घटना नहीं, बल्कि सिस्टम की पारदर्शिता और न्यायिक प्रक्रिया की परीक्षा बन गया है।
रुबी देवी की तबीयत बिगड़ना इस आंदोलन की गंभीरता को और बढ़ा देता है।
अब पूरा जिला, और संभवतः पूरा बिहार, इस पर निगाहें गड़ाए हुए है कि न्याय होगा या नहीं।