कांग्रेस आरएसएस विवाद: सियासत के अखाड़े में जुबानी जंग कोई नई बात नहीं, लेकिन जब अपनों के वार से ही पार्टी लहूलुहान होने लगे, तो मामला गरमा जाता है। ऐसा ही कुछ कांग्रेस के भीतर देखने को मिल रहा है, जहां दिग्विजय सिंह के एक पोस्ट ने भूचाल ला दिया है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा करने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद पार्टी के भीतर चल रहा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस कड़ी में अब कांग्रेस नेता मणिक्कम टैगोर ने आरएसएस की तुलना वैश्विक आतंकी संगठन ‘अल-कायदा’ से करके एक नया और गंभीर विवाद खड़ा कर दिया है। यह बयान ऐसे समय आया है जब पार्टी पहले से ही सिंह की टिप्पणी से असहज महसूस कर रही थी।
कांग्रेस आरएसएस विवाद: दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर गरमाई सियासत
दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए मणिक्कम टैगोर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, ‘आरएसएस नफरत की बुनियाद पर बना संगठन है। नफरत फैलाने वालों से कुछ भी सीखने को नहीं मिलता।’ टैगोर यहीं नहीं रुके, उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा, ‘क्या आप अल-कायदा से कुछ सीख सकते हैं? वह भी नफरत फैलाने वाला संगठन है जो दूसरों से नफरत करता है। ऐसे संगठनों से भला क्या सीखा जा सकता है?’ यह मणिक्कम टैगोर बयान कांग्रेस के अंदरूनी मतभेद को और गहरा करता है।
टैगोर ने सोशल मीडिया पर ‘सेल्फ-गोल’ का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें उन्होंने इशारों ही इशारों में दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान देकर खुद का नुकसान किया है। उन्होंने अपनी बात को एक ट्वीट के माध्यम से भी दोहराया, जिससे यह साफ होता है कि पार्टी के एक धड़े में दिग्विजय सिंह की टिप्पणियों को लेकर कितना असंतोष है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार
मणिक्कम टैगोर के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, ‘कांग्रेस वोट बैंक की प्यास में पागल हो गई है। पहले उन्होंने हिंदू और सनातन का अपमान किया, अब राष्ट्रवादी संगठन को आतंकी बता रहे हैं।’ पूनावाला ने आगे कहा कि कांग्रेस को 100 साल से देश सेवा कर रहे संगठन में आतंकी दिखते हैं, लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर वे चुप्पी साधे हुए हैं। यह कांग्रेस की दोहरी नीति को दर्शाता है। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
गौरतलब है कि विवाद की शुरुआत शनिवार को हुई थी, जब दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी की एक पुरानी तस्वीर साझा की थी। इस तस्वीर में तत्कालीन पीएम मोदी लालकृष्ण आडवाणी के पास फर्श पर बैठे दिखाई दे रहे थे। सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा था, ‘यह फोटो बहुत प्रभावशाली है। यह दिखाता है कि कैसे आरएसएस का एक जमीनी कार्यकर्ता फर्श से उठकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बन गया। यही संगठन की ताकत है।’ उनके इस बयान को कांग्रेस में संगठन स्तर पर सुधार की सलाह के तौर पर देखा गया, लेकिन इसने पार्टी के भीतर एक नई बहस को जन्म दे दिया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
इस पूरे घटनाक्रम ने कांग्रेस के भीतर की दरार को और भी स्पष्ट कर दिया है। एक तरफ जहां वरिष्ठ नेता संगठन की मजबूती की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ नेता आरएसएस पर तीखे हमले कर रहे हैं। यह स्थिति आगामी चुनावों से पहले पार्टी के लिए चुनौती बन सकती है, क्योंकि आंतरिक कलह अक्सर विपक्षी दलों को फायदा पहुंचाती है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।






