
बिहार में बनने जा रहे 704 नए पुल! 10 सितंबर से बदल जाएगी गांवों की तस्वीर। 3,688 करोड़ से जुड़ेगा गांव-गांव, दरभंगा को मिलेंगे 38 नए पुल। 10 सितंबर से शुरू होगा बड़ा काम! 3,688 करोड़ से बनने वाले 704 पुल खोलेंगे विकास का रास्ता।@पटना/दरभंगा, देशज टाइम्स।
दरभंगा में 38 पुलों का होगा निर्माण, सरकार खर्च करेगी 3,688 करोड़
बिहार के हर जिले में बनेंगे मजबूत पुल, खत्म होगा इंतजार– जनता की मांग पर बना प्लान! मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना से 704 नए पुल से गांव शहरों से जुड़ेंगे, किसानों से लेकर बच्चों तक सबको फायदा@पटना/दरभंगा, देशज टाइम्स।
बिहार में 704 नए पुल,10 सितंबर से शुरू निर्माण
पटना/दरभंगा, देशज टाइम्स। बिहार सरकार ने गांवों को शहरों से जोड़ने और ग्रामीण स्तर पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए “मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना” के तहत बड़ी पहल की है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में 704 नए पुलों का निर्माण कार्य 10 सितम्बर से शुरू किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना पर सरकार कुल 3,688 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
दरभंगा समेत कई जिलों को मिलेगा लाभ
दरभंगा जिले में 38 पुल बनाए जाएंगे। पूर्वी चंपारण में सबसे अधिक 56 पुलों की स्वीकृति दी गई है। गया, सिवान और सीतामढ़ी में 30-30 पुल बनेंगे। सारण और वैशाली में 28-28 पुल। भागलपुर और गोपालगंज में 27-27 पुल। रोहतास और शेखपुरा में 26-26 पुल। नालंदा में 24 पुल, बेगूसराय में 20 पुल, जबकि राजधानी पटना में 18 पुल बनाए जाएंगे।
पुराने व जर्जर पुल होंगे रिप्लेस
इस योजना के तहत—
पुराने और जर्जर पुलों की जगह नए और मजबूत पुल बनाए जाएंगे। जहां मिसिंग ब्रिज की वजह से रास्ते अधूरे हैं, वहां नए पुल बनेंगे। बाढ़ या प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त पुलों का पुनर्निर्माण होगा। कई जगह जहां पुल बने हैं लेकिन एप्रोच रोड नहीं बना, वहां पहुंच पथ का निर्माण किया जाएगा।
संवेदकों को मिली सख्त चेतावनी
ग्रामीण कार्य विभाग ने सड़क और पुल निर्माण करने वाले संवेदकों को निर्देश दिया है कि यदि उन्होंने 10 सितम्बर से कार्य शुरू नहीं किया तो—
उनकी जमानत राशि जब्त कर ली जाएगी। उन्हें काली सूची (Blacklisted) में डाल दिया जाएगा।
जनता की मांग पर आधारित योजना
यह योजना विशेष इसलिए है क्योंकि इसमें—
“जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” कार्यक्रम में आई मांगों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा की गई सार्वजनिक घोषणाओं को भी प्राथमिकता दी गई है। अर्थात्, यह केवल विभागीय पहल नहीं बल्कि जनभागीदारी से बनी योजना है।
बदलेंगे गांवों के हालात
सरकार का मानना है कि यह योजना ग्रामीण जीवन को पूरी तरह बदल देगी। किसानों को अपने उत्पाद मंडी तक पहुंचाने में आसानी होगी। बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए सुरक्षित मार्ग मिलेगा। आपात स्थिति में लोगों को बड़े अस्पतालों तक पहुंचने में दिक्कत नहीं होगी। गांवों में सामाजिक और आर्थिक विकास की नई नींव पड़ेगी।