दरभंगा नगर निगम में नई मेयर का चुनाव हो रहा है। मगर, इस चुनाव में किस तरह की राजनीति हो रही है किस तरीके धन-बल की खरीद फरोख्त हो रही। (Councilor Madhubala Sinha’s big blast…) इसकी एक बानगी पढ़िए।
दरभंगा नगर निगम की वार्ड 21 की पार्षद मधुबाला सिन्हा ने चुनाव से पहले ही बड़ा धमाका किया है। उन्होंने जो कहा, वह पढ़िए… दरभंगा नगर निगम किसी दल में नही हूं।, न सिखी बगावत! छल तंत्र, धन तंत्र की नही कोई आदत! जब मिलेगी आम जन के हाथ में ताक़त! लोकतंत्र के ही जरिए सवारूंगी शहर की सूरत! न किसी से शिकवा, न किसी से शिकायत!
अब पढ़िए मधुबाला सिन्हा क्या कह रहीं हैं
मंगलवार की शाम तक सब ठीक था। लेकिन रात में कई दल, बल, छल जाति, धर्म के रास्ते भटक गए और बुधवार की सुबह आखरी समय में मेरे साथ एक दर्जन माननीय पार्षदों का ही साथ रह गया। इसलिए महापौर पद की दावेदारी नही दे रही। अंत तक साथ निभाने वाले सभी माननीय पार्षदों का आभार और मेरे प्रति आशा की नज़र रखने वाली जनता की उम्मीद पर खड़ा न उतरने के लिए उनसे क्षमाप्रार्थी।
साथ ही आग्रह कि रात में रास्ते भटकने वाले अपने पार्षद की कुशल क्षेम जरूर पूछें।। अगला महापौर चुनाव की कमान जनता के हाथ मे आ रही है। उनके जरिए शहर की सेवा और सूरत संवारने के लिए जनता की शरण में जाऊंगी, जहां न दल होगा, न बल होगा, न छल होगा।
मधुबाला सिन्हा, पार्षद वार्ड 21, दरभंगा नगर निगम
अब, ऐसे में तय है। चाहे जो बने दरभंगा की मेयर, खेला तो हो गया। दल से लेकर छल तक। कैश से लेकर ऐश तक। हर कुछ बीती रात ही तय हो गया। अब आने वाले दिनों में पार्षद जो अपना पाला किसी खास वजह से बदले हैं। ऐश की जिंदगी तो जिएंगें ही जब तक चाहे ये जो जीत रहीं, कारण अभी तक फैसला नहीं हुआ है। मगर…पूरे प्रकरण में खरीद-फरोख्त से अब इनकार असभंव।
मधुबाला सिन्हा ने जो कुछ शब्दों में बयां किया है। तय है, इससे उस तंत्र का खुलासा जरूर हो गया जिसके ईद नगर निगम की राजनीति अर्से से सरकती रही है। मेयर चुनाव को मतलब ही वह तंत्र है, जिसके बिना एक स्वच्छ प्रशासन की उम्मीद बेमानी है।