दरभंगा। बिहार में गरीबों और फुटपाथी दुकानदारों पर लगातार चल रहे बुलडोजर अभियान ने एक बार फिर सियासी पारा चढ़ा दिया है। बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़े जा रहे लोगों के समर्थन में अब भाकपा(माले) ने मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने न सिर्फ सरकार के ‘बुलडोजर राज’ की कड़ी निंदा की है, बल्कि बड़े आंदोलन का भी ऐलान किया है, जिससे आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति गरमा सकती है।
हाल ही में दरभंगा में हुई भाकपा(माले) की जिला कमेटी की एक दिवसीय बैठक में, पार्टी ने गरीबों और फुटपाथी दुकानदारों के खिलाफ चल रही बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की। जिला सचिव बैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में यह साफ कर दिया गया कि पार्टी इस ‘उजाड़ने’ के खिलाफ मुखर आंदोलन करेगी।
बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बिहार में नई सरकार के गठन के बाद से ही दलितों और गरीबों पर हमले तेज हो गए हैं। बगैर किसी पूर्व सूचना या वैकल्पिक व्यवस्था के ही उन्हें उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है।
10 दिसंबर से प्रखंडों पर होगा प्रदर्शन
यादव ने आगे बताया कि भाकपा(माले) बीते कई सालों से भूमिहीन गरीबों की सूची प्रखंड और अंचल कार्यालयों को सौंपती रही है, लेकिन प्रशासन सरकार की घोषणाओं के बावजूद वासभूमि उपलब्ध कराने में पूरी तरह विफल रहा है। इसी के विरोध में, सरकार के ‘बुलडोजर राज’ के खिलाफ दलित, गरीब और फुटपाथी दुकानदार एक बार फिर एकजुट हो रहे हैं। पार्टी ने ऐलान किया है कि 10 से 15 दिसंबर तक राज्य भर के प्रखंडों और अंचल कार्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन किए जाएंगे।
‘संकल्प दिवस’ और आंदोलन की रणनीति
पार्टी के वरिष्ठ नेता आर.के. सहनी ने बैठक में जानकारी दी कि 18 दिसंबर को भाकपा(माले) के पूर्व महासचिव कामरेड विनोद मिश्र की जयंती है। इस अवसर को पार्टी ‘संकल्प दिवस’ के रूप में मनाएगी। 18 से 25 दिसंबर तक गांवों-गांवों में पार्टी सदस्यों और शाखाओं की बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें सरकार विरोधी आंदोलन की आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा और सदस्यों को जागरूक किया जाएगा।
लाल शाहपुर का मामला: अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
राज्य कमेटी सदस्य अभिषेक कुमार ने बहादुरपुर प्रखंड के लाल शाहपुर गांव में हुई घटना का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि किस तरह गरीबों को बिना जमीन का पर्चा दिए ही उजाड़ दिया गया। आज ये परिवार अपने छोटे बच्चों के साथ खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर हैं।
कुमार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दिनों ही लाल शाहपुर में सड़क किनारे बसे गरीबों की सूची बहादुरपुर के अंचलाधिकारी (सीओ) को सौंपी गई थी, लेकिन सीओ द्वारा जमीन का पर्चा नहीं दिया गया। दुखद यह है कि अतिक्रमण हटाने से ठीक एक दिन पहले पर्चा जारी किया गया, जो सीधे-सीधे सरकारी तंत्र की विफलता को दर्शाता है। उन्होंने इस मामले में विफल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में शनिचरी देवी, नंदलाल ठाकुर, विनोद सिंह, अशोक पासवान, मिथिलेश सिंह, विश्वनाथ पासवान, अवधेश सिंह, भोला पासवान, हरि पासवान, धर्मेश यादव, कामेश्वर पासवान, पप्पू पासवान, मोहम्मद जमालुद्दीन, गंगा मंडल, प्रो. कल्याण भारती, उमेश साह, देवेंद्र कुमार और प्रिंस राज सहित कई अन्य पार्टी सदस्य उपस्थित रहे।


