Darbhanga Airport News: मिथिला की धरती पर हवाई सपनों को लगे पंख, पर नए साल के आगाज के साथ ही ये पंख कहीं कोहरे में गुम होते दिख रहे हैं। एक तरफ जहां बहुप्रतीक्षित एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानें अब तक अधर में हैं, वहीं कड़ाके की ठंड और घने कोहरे ने दरभंगा के हवाई यातायात और स्वास्थ्य सेवाओं को भी अपनी चपेट में ले लिया है।
Darbhanga Airport News: नए साल में दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं पर संकट, कोहरे और ठंड ने बढ़ाई मुश्किलें
नए साल में Darbhanga Airport News: एयर इंडिया एक्सप्रेस पर गहराया संशय
दरभंगा हवाई अड्डे पर नए साल में एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान सेवा शुरू होने की उम्मीदों को अब तक पंख नहीं लग पाए हैं। यात्रियों ने जिस उत्साह के साथ जनवरी माह में सेवा शुरू होने की जानकारी प्राप्त की थी, वह धरातल पर उतरती नहीं दिख रही है। जनवरी के तीसरे सप्ताह तक न तो टिकट बुकिंग शुरू हुई है और न ही एयरलाइन की ओर से उड़ान संचालन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा हुई है। इससे दिल्ली और बंगलुरु जाने वाले हजारों यात्रियों में गहरा असमंजस बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने दरभंगा से दिल्ली और बंगलुरु के लिए कुल तीन उड़ानों के परिचालन हेतु स्लॉट सुरक्षित किए हैं। इसके अतिरिक्त, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) द्वारा टर्मिनल भवन में एयर इंडिया एक्सप्रेस को आवश्यक कार्यक्षेत्र भी आवंटित कर दिया गया है। तकनीकी और आधारभूत ढांचे के स्तर पर सभी तैयारियां लगभग पूरी मानी जा रही हैं, लेकिन इसके बावजूद उड़ान सेवा का शुरू न होना कई प्रश्न खड़े कर रहा है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
अक्टूबर माह में एयर इंडिया एक्सप्रेस की दो सदस्यीय टीम ने दरभंगा हवाई अड्डे का विस्तृत निरीक्षण किया था। टीम ने रनवे, टर्मिनल सुविधाओं, ग्राउंड हैंडलिंग और सुरक्षा व्यवस्था सहित कई महत्वपूर्ण पहलुओं का जायजा लिया था। उस समय ऐसी खबरें सामने आई थीं कि जल्द ही मिथिलांचल को एयर इंडिया एक्सप्रेस की सौगात मिल सकती है और जनवरी में उड़ानें शुरू हो जाएंगी, जिससे क्षेत्र के यात्रियों में अपार उत्साह देखने को मिला था। हालांकि, अब तक बुकिंग प्रक्रिया शुरू न होने से यात्रियों की उम्मीदों को करारा झटका लगा है।
दिल्ली और बंगलुरु जैसे प्रमुख महानगरों के लिए सीधी और नियमित हवाई सेवाओं की मांग लंबे समय से की जा रही है। वर्तमान में दरभंगा से सीमित उड़ानों और अनियमित परिचालन के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एयर इंडिया एक्सप्रेस के आगमन से किराए में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और यात्रियों को बेहतर विकल्प मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब ये उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं।
इसी बीच, घने कोहरे और धुंध के कारण दरभंगा हवाई अड्डे पर विमान परिचालन लगातार प्रभावित हो रहा है। दिल्ली और मुंबई से आने वाली कई उड़ानें निर्धारित समय से काफी देरी से दरभंगा पहुंच रही हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। देर से विमानों के पहुंचने का सीधा असर वापस महानगरों की ओर जाने वाली उड़ानों पर भी पड़ रहा है, और कई फ्लाइट अपने तय समय से घंटों देरी से रवाना हो रही हैं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हवाई अड्डे पर सुबह से ही धुंध छाई रहने के कारण दृश्यता कम रहती है, जिसके कारण विमान संचालन में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ती है। इस वजह से उड़ानों के आगमन और प्रस्थान दोनों में विलंब हो रहा है। लंबे समय तक प्रतीक्षा के कारण हवाई अड्डे पर मौजूद यात्रियों, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को बेहद असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। कई यात्री घंटों तक टर्मिनल परिसर में अपनी उड़ान के अपडेट का इंतजार करते नजर आ रहे हैं, जिससे बिहार में हवाई सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
कड़ाके की ठंड और कोहरे का DMCH की स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
एक तरफ जहां हवाई सेवाओं पर मौसम का प्रतिकूल प्रभाव दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर कड़ाके की ठंड और प्रतिकूल मौसम का सीधा असर दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (डीएमसीएच) की ओपीडी सेवाओं पर भी देखने को मिला है। हाल ही में, अस्पताल में इलाज के लिए अपेक्षाकृत कम संख्या में मरीज पहुंचे। जानकारी के अनुसार, पूरे अस्पताल में लगभग 2200 मरीजों का ही इलाज किया गया, जबकि सामान्य दिनों में डीएमसीएच की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 3500 मरीज पहुंचते हैं।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार, शीतलहर, घने कोहरे और लगातार गिरते तापमान के कारण खासकर ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। ठंड के कारण लोग अनावश्यक यात्रा से बच रहे हैं और हल्की बीमारी की स्थिति में अपने घर के आसपास के निजी क्लीनिक, नर्सिंग होम या स्थानीय स्वास्थ्य केंद्रों पर ही उपचार करा रहे हैं। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
सबसे अधिक प्रभाव मेडिसिन, सर्जरी और ऑर्थोपेडिक विभागों में देखा गया। इन विभागों में मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में लगभग आधी रह गई। मेडिसिन विभाग में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस संबंधी बीमारियों के मरीज तो पहुंचे, लेकिन गंभीर मामलों को छोड़कर अधिकांश लोग अस्पताल आने से परहेज करते दिखे। वहीं, सर्जरी और ऑर्थोपेडिक विभागों में भी नियमित परामर्श और फॉलोअप के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में कमी दर्ज की गई।
हालांकि, आपातकालीन सेवाएं और इमरजेंसी वार्ड में इलाज की व्यवस्था सामान्य रूप से जारी रही। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि ठंड को देखते हुए मरीजों के लिए कंबल और गर्म पानी की विशेष व्यवस्था की गई है। चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को भी अत्यधिक सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है ताकि ठंड से जुड़ी बीमारियों के मरीजों को समय पर और समुचित उपचार मिल सके। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि मौसम सामान्य होते ही मरीजों की संख्या में फिर से बढ़ोतरी होने की प्रबल संभावना है। फिलहाल, ठंड और कोहरे के चलते डीएमसीएच की ओपीडी में एक अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ है, जो सामान्य दिनों की भीड़भाड़ से बिल्कुल भिन्न नजर आ रहा है।



