दरभंगा देशज टाइम्स: शहर की सड़कों पर पसरा अतिक्रमण एक लाइलाज बीमारी बनता जा रहा था, लेकिन अब प्रशासन ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को हुई बड़ी कार्रवाई ने हड़कंप मचा दिया, जहां बुलडोजर ने अवैध कब्जों को जमींदोज कर दिया। लेकिन क्या सिर्फ अतिक्रमण हटाना ही काफी होगा या समस्या की जड़ें कहीं और गहरी हैं?
अतिक्रमण पर चला प्रशासन का डंडा
दरभंगा शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। जिलाधिकारी कौशल कुमार और एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी के स्पष्ट निर्देशों के बाद, अतिक्रमणकारियों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत शहर के कई प्रमुख मार्गों पर अवैध कब्जों को हटाया गया, जिससे आवागमन में सुगमता आ सके।
कहां-कहां हुई कार्रवाई?
- लोहिया चौक से बाकरगंज तक: सदर अनुमंडल पदाधिकारी विकास कुमार और सदर एसडीपीओ राजीव कुमार के नेतृत्व में लोहिया चौक से बाकरगंज तक के क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया गया।
- कर्पूरी चौक से बेंता चौक तक: ट्रैफिक थाना प्रभारी चंद्रोदय प्रकाश के निर्देशन में कर्पूरी चौक से बेंता चौक तक के मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कराया गया।
अभियान के दौरान सभी अतिक्रमणकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि यदि भविष्य में दोबारा अतिक्रमण का प्रयास किया गया तो उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एक स्थान पर एक दुकानदार द्वारा कार्रवाई का विरोध भी किया गया, लेकिन पुलिस पदाधिकारियों ने उसे समझा-बुझाकर अतिक्रमण हटवा दिया।
वन-वे नियमों की अनदेखी बनी मुसीबत
शहर में जाम की समस्या केवल अतिक्रमण तक सीमित नहीं है। यातायात नियमों की अनदेखी भी इसका एक बड़ा कारण है। विशेष रूप से, वन-वे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन खुलेआम किया जाता है। ऑटो चालकों द्वारा अक्सर ट्रैफिक पुलिस के निर्देशों की अवहेलना की जाती है, जिससे सड़कों पर अक्सर जाम लग जाता है। यदि वन-वे नियमों का सख्ती से पालन किया जाए तो जाम की समस्या में काफी हद तक कमी आ सकती है।
सरकारी चालकों की मनमानी, पुलिस की चुप्पी
यह बात भी सामने आई है कि दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त, मिथिला क्षेत्र की डीआईजी, जिलाधिकारी, एसएसपी, सदर अनुमंडल पदाधिकारी और सदर एसडीपीओ जैसे शीर्ष अधिकारी स्वयं यातायात नियमों का पूरी तरह पालन करते हैं। लेकिन विडंबना यह है कि उनके अधीन कार्य करने वाले पदाधिकारियों के सरकारी वाहनों के चालक अक्सर यातायात नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं। हैरानी की बात यह है कि ट्रैफिक सिपाही ऐसे सरकारी वाहनों के नंबर प्लेट देखकर भी कोई कार्रवाई करने से कतराते हैं, जिससे वन-वे नियमों का उल्लंघन बेधड़क जारी रहता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि शीर्ष अधिकारी अपने अधीनस्थ चालकों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करें और इस पर निगरानी रखें, तो शहर में यातायात व्यवस्था में बड़ा सुधार देखा जा सकता है।
आगे भी जारी रहेगा अभियान
सदर एसडीपीओ ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अतिक्रमण के खिलाफ यह कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी। प्रशासन का लक्ष्य है कि शहर को जाम मुक्त कर आम जनता को सुगम आवागमन प्रदान किया जाए। इसके लिए अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराना भी आवश्यक है।







