दरभंगा | बिजली की उपलब्धता और खरीफ फसलों की बुआई (Kharif Cropping) को लेकर दरभंगा जिला प्रशासन ने 01 अगस्त को विद्युत आपूर्ति की स्थिति का मूल्यांकन राष्ट्रीय फीडर मॉनिटरिंग सिस्टम (NFMS) पोर्टल के माध्यम से किया। यह पहल बिजली वितरण निगम लिमिटेड (NBPDCL) और जलवायु-अनुकूल कृषि संचालन के तहत की गई है।
33 केवी और 11 केवी फीडरों के माध्यम से होती है आपूर्ति
जिले में बिजली आपूर्ति मुख्यतः दो श्रेणियों – 33 केवी और 11 केवी के फीडरों के माध्यम से की जाती है।
33 केवी से कुल 60 फीडरों पर विद्युत आपूर्ति होती है।
वहीं, 11 केवी से कुल 176 फीडरों को कवर किया जाता है।
यह वितरण नेटवर्क दरभंगा के शहरी, ग्रामीण और बेनीपुर क्षेत्र को सम्मिलित करता है।
विद्युत अवरोध की स्थिति – शहरी क्षेत्रों में सुधार
01 अगस्त के आंकड़ों के अनुसार:
33 केवी फीडर में 214 बार विद्युत अवरोध की सूचना प्राप्त हुई।
11 केवी फीडर में 1,635 बार अवरोध की सूचना मिली।
यह आंकड़ा NFMS पोर्टल के डेटा विश्लेषण के माध्यम से प्रमाणित किया गया है। NFMS पोर्टल, भारत सरकार द्वारा विकसित किया गया एक रीयल-टाइम फीडर ट्रैकिंग सिस्टम है।
शहरी क्षेत्र में लगभग 24 घंटे तक बिजली आपूर्ति
01 अगस्त को औसत आपूर्ति समय प्रति फीडर निम्न प्रकार से दर्ज किया गया:
33 केवी फीडर
दरभंगा (शहरी): 23 घंटे 51 मिनट
दरभंगा (ग्रामीण): 22 घंटे 38 मिनट
बेनीपुर: 21 घंटे 55 मिनट
11 केवी फीडर
दरभंगा (शहरी): 22 घंटे 59 मिनट
दरभंगा (ग्रामीण): 21 घंटे 32 मिनट
बेनीपुर: 20 घंटे 35 मिनट
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि दरभंगा शहर में लगभग 24 घंटे की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है, जो राज्य में उच्चतम स्थिरता वाले क्षेत्रों में से एक है।
खरीफ बुआई के लिए 20 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति
दरभंगा के जिलाधिकारी श्री कौशल कुमार के निर्देश पर, कार्यपालक अभियंता (विद्युत आपूर्ति) ने बताया कि खरीफ मौसम की बुआई को सुचारू रखने के लिए कृषि फीडरों के माध्यम से प्रतिदिन 20 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति की जा रही है।
विशेषकर सिंचाई, ट्रांसप्लांटेशन (धान रोपाई), और खेत तैयारी हेतु निरंतर बिजली पहुंच पर जोर दिया जा रहा है।
यह पहल बिहार राज्य बिजली बोर्ड एवं कृषि विभाग, बिहार सरकार के समन्वय से की गई है।
पेयजल संकट के समाधान में बिजली की भूमिका
गौरतलब है कि जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल स्तर गिरने और अल्पवर्षा के चलते पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसे में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना जलापूर्ति पंप और मोटरों के संचालन हेतु अत्यंत आवश्यक है।
प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि शुद्ध पेयजल आपूर्ति और फसल उत्पादन दोनों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता आधारित लोड मैनेजमेंट किया जा रहा है।
भविष्य की योजना: विद्युत अवरोध कम करने पर जोर
जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि:
खराब फीडरों की शीघ्र मरम्मत कराई जाए।
फीडर ट्रिपिंग और लोड शेडिंग को कम से कम किया जाए।
रखरखाव कार्यों की सूची पहले से ग्रामीण निकायों के साथ साझा की जाए ताकि पूर्व-सूचना आधारित कटौती हो सके।
निष्कर्ष : खरीफ जरूरत और पेयजल संकट
दरभंगा में विद्युत आपूर्ति की वर्तमान स्थिति, खरीफ फसल की जरूरतों और पेयजल संकट को ध्यान में रखते हुए काफी हद तक संतोषजनक है। प्रशासन और बिजली विभाग की सक्रियता से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को लगभग निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल रही है, जो राज्य के कृषि उत्पादन, जल संकट नियंत्रण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए सहायक सिद्ध हो रही है।