दरभंगा न्यूज़: शहर में बाल श्रम के खिलाफ एक बड़े अभियान ने हड़कंप मचा दिया है। श्रम संसाधन विभाग की धावा दल ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर चार बाल श्रमिकों को चंगुल से आज़ाद कराया है। इस कार्रवाई के बाद उन नियोजकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जो कम उम्र के बच्चों से काम करवाकर उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे थे।
गहन छापेमारी में 4 बाल श्रमिक मुक्त
श्रम अधीक्षक किशोर कुमार झा ने जानकारी देते हुए बताया कि 25 और 26 नवंबर 2025 को सदर अनुमंडल क्षेत्र में विशेष अभियान चलाया गया। बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत यह गहन छापेमारी बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के उद्देश्य से की गई थी। इस अभियान के तहत कुल चार बाल श्रमिकों को विभिन्न प्रतिष्ठानों से मुक्त कराया गया।
- एकमी घाट स्थित कार रिपेयरिंग एवं वॉशिंग सेंटर से एक बाल श्रमिक।
- सैदनगर स्थित दरभंगा स्पीड कार वॉश प्वाइंट से एक बाल श्रमिक।
- शिवधारा स्थित मिथिला सैनेटरी शॉप से एक बाल श्रमिक।
- शिवधारा स्थित संतोष नायक किराना दुकान से एक बाल श्रमिक।
दोषी नियोजकों पर सख्त कानूनी कार्रवाई
श्रम अधीक्षक किशोर कुमार झा ने बताया कि जिन नियोजकों के यहाँ से बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है, उनके खिलाफ संबंधित थानों में प्राथमिकी (FIR) दर्ज करा दी गई है। इसके अतिरिक्त, विभाग द्वारा नियोजकों से प्रति बाल श्रमिक 20 हजार रुपये की दर से जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कल्याण कोष में जमा कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
नियमों का उल्लंघन और जुर्माने का प्रावधान
उन्होंने आगे बताया कि अधिनियम की धारा 3 और 3 (ए) के उल्लंघन के लिए नियोजकों पर 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, यदि नियोजक द्वारा बाल श्रमिकों को निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से कम भुगतान किया गया है, तो उसके विरुद्ध 10 गुना मुआवजे के साथ दावा पत्र सक्षम न्यायालय में दायर किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्चों को उनके श्रम का उचित हक मिले और दोषी नियोजकों को कानून के दायरे में लाया जा सके।
इस वित्तीय वर्ष में 26 बच्चों को मिली आजादी
श्रम अधीक्षक किशोर कुमार झा ने यह भी जानकारी दी कि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 में श्रम विभाग ने जिले के विभिन्न नियोजनों से अब तक कुल 26 बाल श्रमिकों को मुक्त कराकर उन्हें बेहतर भविष्य की दिशा में अग्रसर किया है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा ताकि जिले को बाल श्रम मुक्त बनाया जा सके।
धावा दल में शामिल अधिकारी
इस महत्वपूर्ण धावा दल में मोकिम अंसारी (श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, हनुमाननगर), साधना भारती (श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, हायाघाट), स्मृति भारद्वाज (श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, अलीनगर), नीतीश कुमार (श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, किरतपुर), रजत राउत (श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, तारडीह), नवचन्द्र प्रकाश (श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, बेनीपुर), मोहन कुमार (श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, दरभंगा सदर), प्रेम कुमार साह (श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, जाले), लक्ष्मण कुमार झा (श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, सिंहवाड़ा), बमबम कुमार (श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, घनश्यामपुर), शुभम (श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, कुशेश्वरस्थान) और प्रयास संस्था के प्रतिनिधि नारद मंडल शामिल थे।







