Darbhanga News: न्याय की चौखट पर जब कसौटी पर खरी उतरती है सच्चाई, तो अपराधियों के मंसूबे धरे के धरे रह जाते हैं। कानून का शिकंजा कसता है और राहत की उम्मीदें धूमिल हो जाती हैं। दरभंगा सिविल कोर्ट ने हाल ही में हत्या और लूटपाट जैसे गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपितों की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है। न्यायपालिका ने अपराधियों के प्रति सख्त रवैया अपनाते हुए यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अपराध करने वालों को आसानी से बख्शा नहीं जाएगा।
Darbhanga News: गंभीर अपराधों में जमानत याचिकाओं का खारिज होना
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार पांडेय की अदालत ने एक मैट्रिक की छात्रा की निर्मम हत्या के आरोप में दर्ज भालपट्टी थानाकांड संख्या 88/25 के मुख्य आरोपित संजीत राम की नियमित जमानत अर्जी को नामंजूर कर दिया है। यह मामला इलाके में काफी चर्चित रहा है और इस फैसले से पीड़ित परिवार को कुछ राहत मिली है। लोक अभियोजक अमरेंद्र नारायण झा ने इस बात की पुष्टि की। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यह घटना समाज में बढ़ रहे आपराधिक मामले की ओर इशारा करती है, जहां निर्दोषों को निशाना बनाया जा रहा है।
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नागेश प्रताप सिंह की अदालत ने देर रात घर में घुसकर पिस्तौल की नोक पर लूटपाट करने के आरोप में जाले थानाकांड संख्या 113/24 के आरोपित रणधीर कुमार की जमानत याचिका भी खारिज कर दी। रणधीर कुमार सीतामढ़ी जिला के डूमरा थानाक्षेत्र के रिखौली गांव का निवासी है। कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित को जमानत देने से इनकार कर दिया।
आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए न्यायालयों का यह कड़ा रुख बेहद आवश्यक है। बहादुरपुर थानाकांड संख्या 387/25 में भी अदालत ने महादेव मल्लिक नामक आरोपित की नियमित जमानत अर्जी खारिज की है। महादेव मल्लिक पर बहादुरपुर थानाक्षेत्र के दिलावरपुर गांव में एक राहगीर को पिस्तौल के बट से मारकर जख्मी करने और उससे लूटपाट करने का आरोप है। यह दिखाता है कि किस तरह छोटे-छोटे मामलों में भी न्यायालय अब कोई ढिलाई नहीं बरत रहा है।
न्यायपालिका का सख्त संदेश: अपराधों पर नहीं मिलेगी ढील
इन सभी फैसलों से यह बात साफ हो जाती है कि दरभंगा सिविल कोर्ट गंभीर अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है। चाहे हत्या का मामला हो, घर में घुसकर लूटपाट का या फिर राहगीर से मारपीट और लूट का, न्यायपालिका यह सुनिश्चित कर रही है कि आरोपितों को आसानी से जमानत न मिले। इन फैसलों से जनता में कानून के प्रति विश्वास बढ़ेगा और अपराधियों के मन में डर पैदा होगा। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



