दरभंगा | दरभंगा सिविल कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने मब्बी थाना अध्यक्ष से हत्या मामले में अनुसंधान में हुई लापरवाही पर जवाब तलब किया है।
मामला:
8 जून 2025 को मब्बी थाना क्षेत्र के गेहूंमी गांव में 55 वर्षीय गणेश्वर सिंह का संदिग्ध हालत में शव बरामद किया गया था।
शव पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेजा गया और भेसरा संरक्षित किया गया।
44 दिन बाद, यानी 24 जुलाई 2025 को थानाध्यक्ष सुशील कुमार ने संबंधित आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
आरोपी:
कामाख्या नारायण सिंह, विजय पुर्वे और नीलम देवी के खिलाफ जमानत याचिका दाखिल
चंदन कुमार और अशोक नायक ने भी जमानत याचिका दाखिल की
कोर्ट का आदेश:
अदालत ने 8 जून से 23 जुलाई तक प्राथमिकी दर्ज न करने पर आश्चर्य व्यक्त किया।
मब्बी थानाध्यक्ष को 17 नवंबर 2025 को न्यायालय में उपस्थित होकर अनुसंधान में विलंब के कारणों का जवाब देने का आदेश।
एफएसएल रिपोर्ट और अद्यतन कांड दैनिकी के साथ सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश।
मामले के सूचक को न्यायालय का सहयोग करने हेतु सूचित करने का आदेश।
मुख्य बिंदु:
पोस्टमार्टम और भेसरा जांच होने के बावजूद हत्या की प्राथमिकी में 44 दिन की देरी
अनुसंधान में विलंब का लाभ कथित आरोपी को मिला
न्यायालय ने कानून के सही पालन और जवाबदेही पर बल दिया
अदालत की सख्ती से यह स्पष्ट हो गया है कि पुलिस और थानाध्यक्षों की लापरवाही पर कानूनी कार्रवाई अनिवार्य है। 17 नवंबर को सुनवाई में मामले की दिशा तय होगी।