Darbhanga जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की Court का बड़ा फैसला गुरुवार को आया है। यहां, 2 हत्याओं में 5 लोगों को उम्रकैद की सजा मिली है।
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दरभंगा कोर्ट ने दिखाया कानून का आइना – इंसाफ अब और भी तेज़! अर्थदंड नहीं देने पर अतिरिक्त सजा तय। 302, 323 और 341 की धाराओं में सभी को सश्रम कारावास। बहादुरपुर के किशन मुखिया ने अपने ही चाचा की कर दी थी हत्या। जाले कांड में चार आरोपियों को नीतेश कुमार की हत्या के लिए उम्रकैद।
हत्या के दो अलग-अलग मामलों में पांच दोषियों को उम्रकैद
एक चाचा और एक युवक की हत्या के दोषियों को उम्रकैद के साथ भारी अर्थदंड मिली है। गोपीपट्टी और घोघराहा हत्याकांड में दोषी पाए गए 5 अभियुक्तों को उम्रकैद मिली है।
जिला-अपर सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर का बड़ा फैसला, बहादुरपुर और जाले के 5 को आजीवन कारावास
दरभंगा के जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने गुरुवार को हत्या के दो अलग-अलग मामलों में पांच दोषियों को आजीवन सश्रम कारावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है। दोनों मामलों में अभियुक्तों को जुर्माने के साथ अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई गई है।
पहला मामला: चाचा की हत्या करने वाले किशन मुखिया को उम्रकैद
थाना: बहादुरपुर थाना कांड संख्या 550/20। सत्रवाद संख्या: 130/21 ।अभियुक्त: किशन मुखिया, पिता बासुदेव मुखिया, गोपीपट्टी गांव। धारा: भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या)। सजा: आजीवन सश्रम कारावास। ₹10,000 का अर्थदंड, नहीं भरने पर छह माह अतिरिक्त कारावास। पीड़िता: गीता देवी (मृतक सुखदेव मुखिया की पत्नी)। निर्णय: जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
दूसरा मामला: जाले में नीतेश कुमार की हत्या, चार दोषियों को कठोर सजा
- धारा 323 (मारपीट): 6 माह कारावास
थाना: जाले थाना कांड संख्या 40/22 । सत्रवाद संख्या: 365/22 । मृतक: नीतेश कुमार, निवासी – घोघराहा गांव । अभियुक्त: अजीत सहनी। मंजीत सहनी। रामबाबू सहनी। पच्चू मुखिया (सभी निवासी – रामपुर पचासी, थाना पुपरी, जिला सीतामढ़ी)।सजा विवरण: धारा 302 (हत्या): आजीवन सश्रम कारावास + ₹25,000 अर्थदंड, न भरने पर 1 वर्ष अतिरिक्त कारावास।
धारा 341 (अवैध रोक): 1 माह कारावास ।सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी (concurrent sentences)।
न्यायपालिका का सख्त रुख और पीड़ितों के लिए राहत
अदालत ने स्पष्ट किया कि गंभीर अपराधों पर सख्त सजा जरूरी है, ताकि समाज में न्याय व्यवस्था पर विश्वास बना रहे। पीड़ित परिवारों को विधिक सेवा प्राधिकार से सहायता दिलाने का भी आदेश दिया गया है।