Darbhanga | दरभंगा में साल 2007 में 7 साल के बच्चे और उसकी बकरी की पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में रिटायर्ड शिक्षक ज्ञानी मंडल को दोषी ठहराते हुए चार साल की सजा सुनाई गई है।
सोमवार को अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार की अदालत ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304(2) के तहत आरोपी को चार साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
क्या है पूरा मामला?
घटना 27 जून 2007 की है, जब दरभंगा के बहेड़ा थाना क्षेत्र के कन्हौली गांव में उपेंद्र राम का 7 साल का बेटा सिकंदर राम अपनी बकरी चरा रहा था। इस दौरान ज्ञानी मंडल ने बच्चे और उसकी बकरी को पीट-पीटकर मार डाला।
घटना के बाद मृत बच्चे के पिता उपेंद्र राम ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें IPC की धारा 302 (हत्या), 429 (जानवर को मारने का अपराध) और SC/ST एक्ट की धारा 3(1)(10) के तहत केस दर्ज किया गया। यह मामला बहेड़ा थाना कांड संख्या 191/07 के तहत दर्ज किया गया था।
18 साल बाद आया फैसला
दरभंगा व्यवहार न्यायालय में यह मामला जीआर केस संख्या 289/12 के तहत विचाराधीन था।
18 फरवरी 2025 को अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी कर आरोपी ज्ञानी मंडल को गैर-इरादतन हत्या (धारा 304(2)) का दोषी करार दिया। अदालत ने आरोपी का बंध पत्र (जमानत) खंडित कर उसे जेल भेजने का आदेश दिया।
अभियोजन पक्ष की दलील
अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पीपी संजीव कुमार कुंवर ने अदालत में कहा कि आरोपी ने निर्दयता से मासूम बच्चे और उसकी बकरी की हत्या की थी। उन्होंने सख्त सजा की मांग की।
अदालत का फैसला
कोर्ट ने IPC की धारा 304(2) के तहत आरोपी को 4 साल की सजा सुनाई। हालांकि, यह हत्या (IPC 302) के बजाय गैर-इरादतन हत्या का मामला माना गया।
अब क्या होगा?
- आरोपी ज्ञानी मंडल को जेल भेज दिया गया है।
- परिवार अगर सख्त सजा की मांग करता है, तो ऊपरी अदालत में अपील कर सकता है।
- यह मामला न्यायिक प्रक्रिया की धीमी गति का एक और उदाहरण बना, जिसमें फैसला आने में 18 साल लग गए।