क्यों रे! दहेज के बिना बेटी की ज़िंदगी इतनी सस्ती हो गई? कानून है, दहेज निषेध अधिनियम है, धारा 304-बी है, 498-ए है… लेकिन इन कानूनों का डर किसे है? सवाल आख़िर कब बदलेगा समाज? कब तक रूपा जैसी बेटियां अपनी कोख में पल रहे बच्चे संग दम तोड़ती रहेंगी? याद रहे… जब तक दहेज लेने-देने पर रोक नहीं लगेगी, तब तक हर घर से उठेगी चीख… और हर गली में गूंजेगा मातम।” ताजा मामला दरभंगा जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत धोई नवटोली गांव में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक नवविवाहित गर्भवती महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मृतका की पहचान रूपा देवी (25 वर्ष), पत्नी राहुल पासवान के रूप में हुई है। यह घटना केवल एक हत्या नहीं बल्कि दहेज हत्या (Dowry Death) का जघन्य मामला बनकर सामने आई है।
दहेज प्रथा भारत में लंबे समय से एक सामाजिक अभिशाप मानी जाती है, और इसी कुप्रथा ने दरभंगा की इस बेटी की जान ले ली।
गर्भवती होने के बावजूद बेरहमी से पीटा गया
रूपा देवी गर्भवती थी, इसके बावजूद ससुराल वालों ने उसे बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस जांच में यह तथ्य सामने आया कि मृतका के शरीर पर गंभीर चोटों के निशान मौजूद थे।
थानाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) में कराया गया, जिसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया।
मां ने दर्ज कराई प्राथमिकी
मृतका की मां सुधीरा देवी, निवासी मानी बलहा (केवटी थाना क्षेत्र) ने इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है। दर्ज एफआईआर में उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को लगातार दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था।
एफआईआर में रूपा देवी के पति राहुल पासवान, ससुर उमाशंकर पासवान, सास मंजू देवी और एक गोतनी को आरोपी बनाया गया है।
आरोपी पति, सास और ससुर गिरफ्तार
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पति, सास और ससुर को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल एक आरोपी गोतनी फरार बताई जा रही है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
इस तरह के मामलों में पुलिस पर अक्सर कार्रवाई में ढिलाई बरतने के आरोप लगते हैं, लेकिन इस बार दरभंगा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर समाज को यह संदेश दिया है कि दहेज हत्या जैसे अपराधों को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
संदिग्ध परिस्थितियों में अस्पताल ले जाया गया
जानकारी के अनुसार, घटना के बाद रूपा देवी को ससुराल वालों ने पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से हालत गंभीर होने पर उसे डीएमसीएच रेफर किया गया। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही रूपा ने दम तोड़ दिया।
ससुराल पक्ष ने मौत का कारण बीमारी बताया, जबकि मृतका के शरीर पर मौजूद घावों के निशान ने पूरे मामले की पोल खोल दी।
रोते-बिलखते मायके वाले पहुंचे अस्पताल
घटना की सूचना पाकर रूपा के मायके वाले भी अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने शव को देखकर रोते-बिलखते आरोप लगाया कि उनकी बेटी को दहेज की मांग पूरी न होने के कारण मार डाला गया है।
परिजनों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद दहेज हत्या की धारा में प्राथमिकी दर्ज की गई।
… जब तक रूपा जैसी निर्दोष बेटियां यूं ही दम तोड़ती रहेंगी
दरभंगा के धोई नवटोली गांव की यह दहेज हत्या पूरे राज्य को झकझोर देने वाली है। गर्भवती महिला रूपा देवी की हत्या ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि दहेज प्रथा आज भी हमारे समाज की सबसे बड़ी सामाजिक बुराइयों में से एक है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन जब तक समाज खुद दहेज लेने-देने के खिलाफ नहीं खड़ा होगा, तब तक रूपा जैसी निर्दोष बेटियाँ यूँ ही दम तोड़ती रहेंगी।