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दिसम्बर, 12, 2025

Darbhanga News: 15वीं वित्त की योजनाओं पर बैठक में भड़के मुखिया, बोले- सरकार ऊपर से न थोपे योजनाएं

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Darbhanga News: 15वीं वित्त की योजनाओं पर बैठक में भड़के मुखिया, बोले- सरकार ऊपर से न थोपे योजनाएं

Darbhanga News: सियासत की चौसर पर जब विकास के पासे फेंके जाते हैं, तो अक्सर चालें ऊपर से ही तय होती हैं। लेकिन इस बार जाले के मुखियाओं ने इस बिसात को पलटने की ठान ली है। गुरुवार को प्रखंड मुख्यालय स्थित सूचना एवं प्रौद्योगिकी भवन के सभागार में 15वीं वित्त की योजनाओं को लेकर हुई बैठक में माहौल तब गर्म हो गया जब मुखियाओं ने अधिकारियों के सामने अपनी नाराजगी का खुलकर इजहार किया।

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डीपीआरओ रूपेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक का मुख्य एजेंडा 15वीं वित्त के तहत वर्ष 2026-27 की योजनाओं का चयन करना था। लेकिन जैसे ही चर्चा शुरू हुई, उपस्थित मुखियाओं ने एक स्वर में अपनी आपत्ति दर्ज कराई। उनका कहना था कि जब अभी तक वर्ष 2025-26 का पैसा ही पंचायतों को नहीं मिला है, तो फिर अगले वर्ष की योजनाओं के चयन का निर्देश देना कहां तक तर्कसंगत है।

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Darbhanga News: ग्राम सभा के अधिकार पर सरकारी पहरा?

बैठक में रेवढ़ा पंचायत के मुखिया शफीउल्लाह चमन ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि पंचायतों की विकास योजनाओं का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाना चाहिए, न कि सरकार को ऊपर से तय करके भेजना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार द्वारा योजनाओं को सीधे भेज देने के कारण पंचायत के कई आवश्यक और जमीनी कार्य नहीं हो पाते हैं। यह सीधे तौर पर ग्राम सभा के अधिकारों का हनन है। सरकार को इस पर गंभीरता से मंथन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर पंचायत विकास योजना स्थानीय जरूरतों के हिसाब से बने। गररी, जोगियारा, देउरा-बंधौली समेत लगभग सभी पंचायतों के मुखियाओं ने इस बात का समर्थन किया।

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बंद नल-जल योजना बनी गले की फांस

बैठक में बंद पड़ी नल-जल योजना का मुद्दा भी जोर-शोर से उठा। सभी मुखियाओं ने एक स्वर में पंचायत में बंद पड़े नल-जल को अविलम्ब चालू कराने की मांग की। मुखियाओं ने इस बात पर गहरा रोष प्रकट किया कि इस महत्वपूर्ण योजना को पहले से ही बीमार चल रहे पीएचइडी विभाग को सौंप दिया गया, जिसके कारण जो नल-जल चालू थे, वे भी बंद हो गए। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। उन्होंने कहा कि जनता हमसे सवाल करती है और हमारे पास कोई जवाब नहीं होता। बिहार की लगातार ख़बरें यहां पढ़ें

कबीर अंत्येष्टि योजना की राशि भी अटकी

मामला सिर्फ विकास योजनाओं और नल-जल तक ही सीमित नहीं रहा। जोगियारा और सहसपुर के मुखिया ने कबीर अंत्येष्टि योजना का मुद्दा उठाते हुए बताया कि वर्ष 2021 से लेकर आज तक इस योजना की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि गरीबों के अंतिम संस्कार के लिए बनी इस योजना का पैसा अटकना बेहद संवेदनशील और दुर्भाग्यपूर्ण है। बैठक में मौजूद अन्य प्रतिनिधियों ने भी इस पर अपनी सहमति जताते हुए जल्द से जल्द राशि जारी करने की मांग की। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। डीपीआरओ ने मुखियाओं की सभी समस्याओं को सुनकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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