

प्रभाष रंजन, दरभंगा। लहेरियासराय थाना क्षेत्र के बाल सुधार गृह में शुक्रवार को एक बार फिर नाबालिग बच्चे का शव फंदे से लटका मिला। शव मिलते ही पूरे परिसर में हड़कंप मच गया और बच्चे भयभीत हो उठे। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स।
घटना की सूचना मिलते ही डीएम कौशल कुमार, एसएसपी जगन्नाथ रेड्डी जलारेड्डी, सदर एसडीओ विकास कुमार, एसडीपीओ राजीव कुमार, लहेरियासराय थानाध्यक्ष अमित कुमार समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और करीब दो घंटे तक जांच की। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स।
प्रथम दृष्टया आत्महत्या, पर परिवार ने लगाया हत्या का आरोप
सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है, हालांकि सीसीटीवी फुटेज और सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स।
वहीं मृतक के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा —
“भरत पूरी तरह ठीक था, शुक्रवार को मां और रिश्तेदार उससे मिले भी थे। बाल सुधार गृह के स्टाफ ने ही उसकी हत्या की है।”
आक्रोशित परिजनों का सड़क जाम
सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक परिजन और ग्रामीण सड़क जाम कर नारेबाजी करते रहे। पुलिस प्रशासन ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें समझाकर शांत कराया। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स।
तीन मौतें, एक ही शौचालय — बड़ा सवाल!
मृतक की पहचान सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के पैरा गांव निवासी भरत दास (17 वर्ष) के रूप में हुई है। भरत को न्यायालय के आदेश से गुरुवार को मंडल कारा से बाल सुधार गृह में शिफ्ट किया गया था। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स।
शव शौचालय में फंदे से लटका मिला।
हैरानी की बात यह है कि पिछले एक वर्ष में तीन बच्चों की मौत इसी बाल सुधार गृह में हो चुकी है।
और तीनों शव एक ही शौचालय से बरामद हुए हैं!
स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया —
“जब सुधार गृह में 10 से 12 शौचालय हैं, तो मौतें सिर्फ उसी एक में क्यों हो रही हैं?”
रात 2 बजे गया था शौचालय, फिर नहीं लौटा
बताया जाता है कि भरत रात लगभग 2 बजे शौचालय गया, फिर वापस लौटा। कुछ देर बाद दोबारा गया — लेकिन इस बार लौटा नहीं। सुबह कर्मियों ने फंदे से लटका शव देखा तो पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स।
पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेजा, जहां शनिवार शाम परिजनों को सौंप दिया गया।
थानाध्यक्ष अमित कुमार ने बताया —
“अब तक न बाल सुधार गृह प्रबंधन और न ही परिजनों ने कोई लिखित शिकायत दी है। जांच शुरू कर दी गई है, आवेदन मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।”
सवाल बरकरार: बाल सुधार गृह में व्यवस्था या लापरवाही?
इस घटना ने एक बार फिर सुधार गृह की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक साल में तीन बच्चों की मौत — और वो भी एक ही जगह से — प्रशासनिक जवाबदेही पर बड़ा प्रश्नचिह्न है। आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स।








