हनुमाननगर, देशज टाइम्स ब्यूरो। सरकारी नियमों को ताख पर रखकर हनुमाननगर प्रखंड के पंचायतों में बगैर कार्यादेश के ही नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की ओर से पंद्रहवीं वित्त आयोग मद से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
सरकारी राशि की बंदरबांट करने में इन्हें कोई गुरेज नहीं है। परंतु, इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। रुपौली पंचायत के विशनपुर चौक गांव स्थित वार्ड संख्या 11 में 5 लाख 37 हजार की लागत से बन रहा नाला इसका नजीर पेश कर रहा है।
ई- ग्रामस्वराज पोर्टल के मुताबिक
इस योजना का प्रस्ताव वर्ष 2020-21 में ग्राम सभा से पारित हुआ था। लेकिन 2 वर्ष बीतने के बाद बिना जियो टैगिंग व योजनास्थल पर योजना संबंधी बोर्ड लगाए ही करीब 100 फीट नाला का निर्माण किया जा चुका है। इसके कारण योजना की गुणवत्ता व पारदर्शिता पर प्रश्न उठना लाजिमी है।
सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देश के मुताबिक पंचायत की कोई भी कार्य योजना शुरु होने से पहले ई-ग्रामस्वराज पोर्टल पर अंकित कर एप्रूव्ड एक्टिविटीज व फाइनेंशियल प्रोग्रेस भी दर्शाना है। उसके बाद योजनास्थल का जियो टैगिंग कर योजना से जुड़ा बोर्ड लगाना है। बोर्ड में कार्य योजना का नाम, प्राक्कलित राशि व निर्माण का समय लिखा होना जरुरी है।
पंचायत के जेई मोतीउर्र रहमान ने इस संबंध में पूछे जाने पर बताया कि उक्त योजना से संबंधित सभी जानकारी मुखिया जी के पास है। मुझे इस संबंध में कुछ भी मालूम नहीं है। जबकि योजना का प्राक्कलन तैयार करने की जिम्मेवारी जेई की ही होती है।
मुखिया आरिफ हाशमी ने हास्यास्पद जवाब देते हुए कहा कि योजनास्थल पर बोर्ड लगा हुआ है। जबकि कार्यस्थल पर योजना से संबंधित किसी भी प्रकार का बोर्ड है ही नहीं।
पंचायत सचिव सह योजना के अभिकर्ता इजहार हाशमी ने उपरोक्त योजना के बारे में स्वीकार किया कि यह पंद्रहवीं वित्त आयोग मद से जुड़ी पूर्व की योजना है। योजना की प्राक्कलित राशि 5 लाख 37 हजार रुपए है। पंचायत कार्यालय से योजना संचालित करने संबंधी किसी प्रकार का कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है।
बीडीओ अरुण कुमार सिंह ने बताया
कि पंचायत से जुड़े मामलों में पंचायत सचिव ही लोकसूचना अधिकारी व नियोक्ता होते हैं। मुझे इस संबंध में जानकारी नहीं मिली है। जानकारी हासिल कर दोषी कर्मियों पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।