ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) को अनुसंधान विश्वविद्यालय का दर्जा| Darbhanga LNMU News| आत्मा वा अरे द्रष्टव्यः होगा साकार, LNMU को मिलेगा 100 करोड़, Research University का Status।
आत्मा वा अरे द्रष्टव्यः के अपने लोगो के साथ आगे बढ़ेगा LNMU
जहां,आत्मा वा अरे द्रष्टव्यः के अपने लोगो के साथ आगे बढ़ता (Darbhanga LNMU will get Rs 100 crore, status of Research University) ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (एलएनएमयू), दरभंगा अब नए आयाम गढ़ेगा, अनुसंधान की नई परिभाषा रचेगा जहां,Darbhanga LNMU को अनुसंधान विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
पीएम उषा से होगा मिथिला में शैक्षणिक उत्थान का नया भोर
यह दर्जा प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के तहत प्रदान किया जाएगा। दिल्ली में परियोजना अनुमोदन बोर्ड की हालिया बैठक में इस पर सहमति बन चुकी है, और जल्द ही केंद्र सरकार की ओर से इसकी औपचारिक स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
अनुसंधान विश्वविद्यालय का महत्व
इस दर्जे के मिलने के बाद:
- सौ करोड़ की राशि का आवंटन होगा।
- शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए उन्नत सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
- एलएनएमयू देश के 35 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शामिल हो जाएगा जिन्हें इस वर्ष अनुसंधान विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाएगा।
- छात्र-छात्राओं को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और शोध के अवसर उपलब्ध होंगे।
बिहार के अन्य विश्वविद्यालय भी होंगे लाभान्वित
एलएनएमयू के साथ-साथ पटना विश्वविद्यालय (पीयू) को भी अनुसंधान विश्वविद्यालय का दर्जा मिलेगा।
- बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर का मामला अभी विचाराधीन है, लेकिन इसे भी जल्द ही यह दर्जा मिलने की संभावना है।
- इन विश्वविद्यालयों को भी 100 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
एलएनएमयू का इतिहास और विशेषता
- स्थापना: 1972
- प्रारंभिक संचालन: दरभंगा-सकरी मार्ग के सारा मोहनपुर गांव से।
- 1975 में स्थानांतरण: राज दरभंगा से संबंधित परिसर।
- चार जिलों: मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, और बेगूसराय तक इसका क्षेत्रीय विस्तार।
- शोध कार्यों और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के मानकों पर खरा उतरने के कारण यह विश्वविद्यालय अनुसंधान विश्वविद्यालय के लिए चयनित हुआ।
शिक्षा के क्षेत्र में बिहार के लिए नई उम्मीदें
केंद्र सरकार की इस पहल से बिहार के विश्वविद्यालयों में:
- शोध कार्यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की संभावना।
- छात्रों और शिक्षकों को बेहतर संसाधनों का लाभ।
- बिहार को फिर से शिक्षा का केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।
निष्कर्ष: मिथिला क्षेत्र और पूरे बिहार के लिए गर्व
एलएनएमयू को अनुसंधान विश्वविद्यालय का दर्जा मिलना मिथिला क्षेत्र और पूरे बिहार के लिए गर्व का विषय है। यह पहल न केवल छात्रों के लिए नए अवसर लाएगी, बल्कि पूरे राज्य की शैक्षणिक छवि को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती प्रदान करेगी। साफ हो गया है। केंद्र सरकार की ओरसे संचालित प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के तहत यह दर्जा मिलेगा।