Lok Adalat News: दरभंगा कोर्ट रिपोर्टर।न्याय की दहलीज पर जब सालों पुराने मनमुटाव की धूल छंटती है, और जीत-हार से परे सुलह का सूरज उगता है, तब ऐसी ही एक अद्भुत व्यवस्था का नाम है लोक अदालत। यह वह मंच है, जहाँ पक्षकार खुद अपने विवादों का हल खोजते हैं, और कानूनी दांवपेंच की बजाय, आपसी सद्भाव से नई राह निकलती है।
लोक अदालत समाचार: विवादों के सुलह का नया अध्याय
राष्ट्रीय लोक अदालत: न्याय के द्वार पर ‘Lok Adalat News’ का नया कीर्तिमान
Lok Adalat News: दिसंबर महीने में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालतें विवाद निपटारे के वैकल्पिक प्रावधानों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष शिव गोपाल मिश्रा ने शनिवार को न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत को संबोधित करते हुए कहा कि लोक अदालत सर्वोत्तम माध्यम है, जिसके माध्यम से निष्पादित मामलों में किसी की हार नहीं होती, अपितु हमेशा दोनों ही पक्षकारों की जीत होती है। लोक अदालत से निष्पादित वादों में स्थायी समाधान निकलता है, जिसकी कहीं अपील नहीं होती।

यह पक्षकारों की अपनी अदालत है, जिसमें वे स्वयं अपना समाधान निकालते हैं। इसके दो मुख्य फायदे हैं: एक तो वार्ता से पक्षकारों के मन की कटुता मिट जाती है, जिसके कारण लोग शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल लेकर अपने-अपने घर जाते हैं। उन्होंने जोर दिया कि लोगों को नालसा (NALSA) प्रायोजित इस कार्यक्रम का अधिक से अधिक कानूनी लाभ उठाना चाहिए।
जिलाधिकारी सह प्राधिकार के उपाध्यक्ष कौशल कुमार ने लोक अदालत को छोटे-छोटे विवादों के स्थायी समाधान के लिए पक्षकारों हेतु वरदान बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यह क्षेत्र के लोगों के लिए ऋणमुक्ति का सुअवसर प्रदान करता है। इसके कई महत्वपूर्ण लाभ हैं; आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। यहां लोगों के बहुमूल्य समय के साथ-साथ धन की भी बचत होती है, जिससे समाज और राष्ट्र के विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।
वरीय पुलिस अधीक्षक सह प्राधिकार के सदस्य जगुनाथ रेड्डी जला रेडी ने कहा कि आपसी विवादों से समाज में कटुता बढ़ती है। उन्होंने लोगों से लोक अदालत के माध्यम से विवाद निपटारा कराने और अपनी ऊर्जा को विकास कार्यों में लगाने का आग्रह किया। बार एसोसिएशन के महासचिव कृष्ण कुमार मिश्रा ने बताया कि लोक अदालत का प्रत्यक्ष लाभ जिले के पक्षकारों को मिल रहा है, और आवश्यकता है कि लोग इसे समझकर इसका लाभ उठाएं। देश की हर बड़ी ख़बर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें: https://deshajtimes.com/news/national/
समाधान की ओर बढ़ते कदम: लोक अदालत की व्यापक सफलता
प्राधिकार की सचिव आरती कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि विवादों के कारण सामाजिक शांति भंग होती है, जबकि समझौते से मन को शांति और सुकून मिलता है। उन्होंने लोगों को लोक अदालत का लाभ उठाकर अपनी ऊर्जा को विकास कार्यों में लगाना चाहिए, आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। इस अवसर पर परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश प्रमोद कुमार पंकज, एडीजे रविशंकर कुमार, स्थायी लोक अदालत के पीठासीन पदाधिकारी सुरेंद्रनाथ त्रिपाठी, प्रोतिमा परिहार, सीजेएम जूनैद आलम सहित सभी न्यायिक पदाधिकारी, न्यायालय कर्मी और अधिवक्ता मौजूद थे।
खंडपीठों का गठन
विभिन्न किस्म के मामलों के निष्पादन के लिए न्यायिक पदाधिकारियों की अध्यक्षता में कुल 17 खंडपीठों का गठन किया गया था।
अभूतपूर्व भागीदारी
राष्ट्रीय लोक अदालत में पक्षकारों की अभूतपूर्व भीड़ जुटी, जो इस बात का साक्षी है कि लोगों में लोक अदालत के प्रति जन जागरूकता जगी है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की मेहनत रंग लाई और इसकी व्यापक सफलता सुनिश्चित हुई।
निष्पादन और सेटलमेंट
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2191 मामलों का निष्पादन किया गया। उत्पाद, क्लेम, लेबर, वन अधिनियम, एमवी एक्ट सहित विभिन्न बैंकों के बैंक ऋण, टेलीफोन, बिजली आदि से संबंधित मामलों में 6 करोड़ 79 लाख 98 हजार 938 रुपये का सेटलमेंट किया गया, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।





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