दरभंगा, देशज टाइम्स: बिहार के दरभंगा से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसने उच्च शिक्षा की पवित्रता पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। डॉक्टर बनने का सपना देख रहे दो परीक्षार्थी दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में आयोजित एक महत्वपूर्ण परीक्षा के दौरान रंगे हाथों ‘माइक्रो-चीट’ का उपयोग करते पकड़े गए। इस घटना ने पूरे परीक्षा तंत्र में हड़कंप मचा दिया है।
यह मामला दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (DCE) में MD/MS/D.T.C.D./डिप्लोमा विश्वविद्यालय परीक्षा 2025 के आयोजन के दौरान सामने आया। परीक्षा निरीक्षकों ने अपनी गहन जांच के दौरान दो परीक्षार्थियों को अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए पाया। इन परीक्षार्थियों के पास से ‘माइक्रो-चीट’ बरामद की गईं, जिसका इस्तेमाल वे नकल करने के लिए कर रहे थे। पकड़े गए छात्रों में एक छात्रा दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (DMCH) से संबद्ध है, जबकि दूसरा छात्र मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) से था।
तत्काल कार्रवाई और विश्वविद्यालय को रिपोर्ट
कॉलेज प्रशासन और परीक्षा पर्यवेक्षकों ने बिना किसी देरी के तुरंत कार्रवाई की। दोनों विद्यार्थियों को मौके पर ही परीक्षा से निलंबित कर दिया गया। इस पूरे प्रकरण से संबंधित सभी महत्वपूर्ण प्रमाण, जब्त की गई सामग्री और अन्य प्रक्रियात्मक विवरणों को संकलित किया गया। इसके बाद, एक विस्तृत अनुचित साधन (Unfair Means) रिपोर्ट तैयार कर आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (AKU), पटना को भेज दी गई है। विश्वविद्यालय अब अपनी नियमावली के अनुसार इन छात्रों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।
निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली के प्रति प्रतिबद्धता
दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के प्राचार्य ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “हमारा संस्थान एक निष्पक्ष, पारदर्शी और अनुशासित परीक्षा प्रणाली बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम किसी भी स्तर पर नकल, कदाचार या किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेंगे।” प्राचार्य ने जोर देकर कहा कि ऐसे कार्य न केवल परीक्षा की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि छात्रों के भविष्य के लिए भी बेहद हानिकारक हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कॉलेज प्रशासन ऐसे मामलों पर हमेशा से सख्त रुख अपनाता रहा है और भविष्य में भी ऐसा ही करेगा।
इसी क्रम में, DCE दरभंगा के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर चंदन कुमार और श्री विनायक झा ने भी सभी परीक्षार्थियों को एक सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा, “परीक्षा में अनुशासन और पारदर्शिता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए, किसी भी प्रकार की नकल या अनियमितता को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने सभी विद्यार्थियों से ईमानदारी और नियमों का पालन करते हुए परीक्षा देने की अपील की।







