

मनोज कुमार झा, अलीनगर, दरभंगा | हरियठ गांव के 17 वर्षीय मो. फारूक उर्फ बारिक की गुरुवार की सुबह मौत हो गई। करीब एक महीने पहले मिल्की टोला गांव में गणेश पूजा के दौरान सड़क पर भीड़ को लेकर हुए विवाद में उसकी निर्दयता से पिटाई की गई थी। गंभीर रूप से घायल फारूक तब से कोमा में जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहा था।
भीड़ के बीच साइड मांगना पड़ा भारी
घटना 30 अगस्त 2025 की रात की है। मो. फारूक अपने घर लौट रहा था। मिल्की टोला में गणेश पूजा चल रही थी और सड़क पर काफी भीड़ थी।
जब उसने साइड मांगी, तो शंकर मुखिया और मोहन पासवान से उसकी कहासुनी हो गई। आरोप है कि दोनों ने 8–10 लोगों के साथ मिलकर फारूक की बेरहमी से पिटाई की, जिससे उसकी आंत फट गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
39 दिनों तक कोमा में रहा युवक
मारपीट के बाद ग्रामीणों ने सूचना परिजनों को दी। परिजन उसे पहले अलीनगर सीएचसी, फिर डीएमसीएच, और बाद में दरभंगा के निजी अस्पताल ले गए।
वहां उसकी आंत की सर्जरी हुई और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। लगातार 39 दिन तक कोमा में रहने के बाद गुरुवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।
प्राथमिकी दर्ज, पंचायती से नहीं निकला समाधान
घटना के बाद सामाजिक स्तर पर पंचायती के माध्यम से सुलह की कोशिशें हुईं, पर कोई परिणाम नहीं निकला।
आख़िरकार, 3 सितंबर 2025 को मृतक के पिता मो. चुल्हाई अंसारी ने अलीनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई।
पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव
मौत की सूचना पर थानाध्यक्ष विनय मिश्र, अपर थानाध्यक्ष विकास मंडल और सीआईएफ बल मौके पर पहुंचे।
पुलिस ने विधि-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की और परिजनों की सहमति से शव को डीएमसीएच पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
इस दौरान पूर्व मुखिया रजी आलम, पूर्व सरपंच कमरुद्दीन आजाद समेत कई ग्रामीण पुलिस की मदद में मौजूद रहे।








