दरभंगा (Darbhanga) | जल संसाधन और संसदीय कार्य विभाग, बिहार सरकार के मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी ने दरभंगा के किरतपुर प्रखण्ड में पश्चिमी कोशी तटबंध के टूटान स्थल का निरीक्षण किया और बाढ़ से प्रभावित लोगों से मुलाकात कर फीडबैक प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि बिहार में बाढ़ की समस्या के स्थाई समाधान के लिए चार नए बराज बनाए जाएंगे।
Darbhanga News: 56 वर्षों में सर्वाधिक जल प्रवाह
मंत्री ने जानकारी दी कि 27 से 29 सितंबर के बीच नेपाल में भारी बारिश के बाद कोशी, गंडक, बागमती, महानन्दा और अन्य नदियों में रिकॉर्ड जल प्रवाह दर्ज किया गया।
29 सितंबर की सुबह कोशी बराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी प्रवाहित हुआ, जो पिछले 56 वर्षों का सर्वाधिक जल प्रवाह है। इस जल प्रवाह के कारण पश्चिमी कोशी तटबंध के कई स्थानों पर पानी ओवरफ्लो हो गया और किरतपुर प्रखण्ड के तेतरी गाँव के पास तटबंध टूट गया।
Darbhanga News: जिला प्रशासन की तत्परता से बड़ी तबाही टली
मंत्री ने बताया कि जिला प्रशासन ने तत्परता से काम करते हुए बड़ी तबाही को रोका। उन्होंने अधिकारियों को तटबंध के ऊँचाईकरण और सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।
Darbhanga News: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी
दरभंगा जिले के चार प्रखण्डों – किरतपुर, गौड़ाबौराम, घनश्यामपुर और कुशेश्वरस्थान पूर्वी में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री मुहैया कराई जा रही है। मंत्री ने बताया कि सूखा राशन और फूड पैकेट भरपूर मात्रा में वितरित किए जा रहे हैं और इसके लिए राज्य सरकार के पास निधि की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि राज्य की निधि पर बाढ़ पीड़ितों का पहला हक है।
Darbhanga News: बराज निर्माण से बाढ़ की समस्या का समाधान
मंत्री ने बताया कि बिहार में बाढ़ की समस्या के स्थाई समाधान के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर चार नए बराज—ढ़ेंग, तैयबपुर, अरेराज और डगमारा—का निर्माण किया जाएगा। इन बराजों के बनने से बाढ़ का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाएगा। उन्होंने नेपाल में हाई डैम के निर्माण को भी जरूरी बताया, ताकि बिहार को हर साल आने वाली बाढ़ से राहत मिल सके।
Darbhanga News: गाद प्रबंधन नीति की जरूरत
मंत्री चौधरी ने राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि बिहार सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार को अपना मतंव्य दे दिया है। गाद निकालने से नदियों की जलधाराओं पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी, जिससे बाढ़ की समस्या कम होगी।