दरभंगा न्यूज़: काम की धीमी रफ्तार और कर्मचारियों की हड़ताल से जूझ रहे दरभंगा स्थित कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में एक नया मोड़ आ गया है। मुख्यालय से दूर, अपनी चिकित्सकीय समस्याओं से जूझते हुए कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय ने हड़ताली कर्मचारियों के नाम एक भावुक संदेश भेजा है। सवाल है कि क्या कुलपति का यह संदेश कर्मचारियों का मन बदल पाएगा और विश्वविद्यालय में थम चुके काम फिर से रफ्तार पकड़ेंगे?
कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण विश्वविद्यालय का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इसी बीच, कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय, जो फिलहाल चिकित्सकीय कारणों से मुख्यालय से बाहर हैं, ने स्थिति को सामान्य करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने प्रभारी कुलपति प्रो. दिलीप कुमार झा के माध्यम से सभी हड़ताली कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की है।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) निशिकांत ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कुलपति कर्मचारियों की मांगों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। उन्होंने अपने संदेश में विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया है कि वे कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं।
कुलपति ने दिया समाधान का भरोसा
प्रो. पांडेय ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया है कि उनकी चिकित्सकीय परेशानियों के कारण ही फिलहाल कुछ तत्काल दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जैसे ही वे मुख्यालय लौटेंगे, कर्मचारियों की सभी लंबित मांगों पर तत्काल विचार किया जाएगा और उनका शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। यह संदेश कर्मचारियों को काम पर लौटने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास माना जा रहा है।
कुलपति ने अपने संदेश में यह भी बताया कि वित्त पदाधिकारी के रूप में पवन झा जी के हस्ताक्षर अब अधिकृत हो गए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके मुख्यालय लौटने के बाद पवन झा विश्वविद्यालय में नियमित रूप से उपलब्ध रहेंगे। इससे सभी वित्तीय और प्रशासनिक मामलों का निपटारा तेजी से हो सकेगा।
वित्त पदाधिकारी की भूमिका और दिसंबर तक समाधान की उम्मीद
प्रो. पांडेय ने कहा कि पवन झा पुरानी परिस्थितियों और विश्वविद्यालय से जुड़े सभी मामलों से भली-भांति परिचित हैं। उनकी सक्रियता से दिसंबर माह के भीतर ही सभी समस्याओं का अवश्य ही समाधान हो जाएगा। कुलपति ने इस प्रक्रिया में विश्वविद्यालय की निचली शाखाओं से भी सक्रिय सहयोग की अपेक्षा की है, ताकि समाधान की प्रक्रिया सुचारू रूप से और तेजी से संपन्न हो सके।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कुलपति की इस अपील और समाधान के वादे का हड़ताली कर्मचारियों पर क्या असर होता है। विश्वविद्यालय प्रशासन उम्मीद कर रहा है कि यह संदेश कर्मचारियों को अपनी हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने के लिए प्रेरित करेगा और विश्वविद्यालय में सामान्य कामकाज फिर से शुरू हो पाएगा।







