Darbhanga Cold Wave: प्रकृति का क्रूर प्रहार, जब हवाओं में घुली बर्फ और जीवन की रफ्तार थम सी गई। दरभंगा जिला इन दिनों भीषण शीतलहर की चपेट में है, जहां सर्द पछुआ हवाओं ने सामान्य जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है।
Darbhanga Cold Wave: हाड़ कंपा देने वाली ठंड का कहर
पूरा जिला इस समय शीतलहर की चपेट में है। सांय-सांय बह रही सर्द पछुआ हवाएं अब बर्फीली महसूस होने लगी हैं, जिससे तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। सुबह और शाम कोहरे और धुंध का आलम ऐसा है कि सड़कों पर दृश्यता बेहद कम हो गई है, जिससे यातायात पर भी बुरा असर पड़ रहा है। लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं और अलाव ही एकमात्र सहारा आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। बन गया है।
ठंड का प्रकोप ग्रामीण इलाकों में अधिक देखा जा रहा है, जहां गरीब और असहाय लोगों के लिए यह मौसम किसी चुनौती से कम नहीं। दिहाड़ी मजदूरों का काम प्रभावित हुआ है, क्योंकि सुबह जल्दी निकलने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बाजार भी देर से खुल रहे हैं और शाम होते ही वीरानी छा जाती है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक राहत नहीं मिलने का अनुमान जताया है, जिससे लोगों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
यहां एक बार फिर आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1। प्रशासन की ओर से अब तक अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं किए जाने से स्थानीय लोगों में नाराजगी है। कई सामाजिक संगठन अपने स्तर पर जरूरतमंदों के बीच कंबल और गर्म कपड़े बांटकर राहत पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर इस कड़ाके की ठंड का खास असर देखने को मिल रहा है, जिससे अस्पतालों में सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।
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मौसम का बदला मिजाज और चुनौतियां
मौसम का मिजाज अचानक बदलने से न केवल मानव जीवन बल्कि पशुधन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और ठंड का प्रकोप लगातार जारी है। किसानों को अपनी फसलों को पाले से बचाने के लिए विशेष उपाय करने पड़ रहे हैं। पशुपालक अपने जानवरों को ठंड से बचाने के लिए पुआल और बोरे का इस्तेमाल कर रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में भी, खासकर खुले में रहने वाले लोगों के लिए यह समय बेहद कठिन है। सरकार से अपेक्षा है कि वे ऐसे लोगों के लिए तत्काल आश्रय और राहत सामग्री की व्यवस्था करे आप पढ़ रहे हैं देशज टाइम्स बिहार का N0.1।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने दशकों में ऐसी भीषण और लगातार पड़ रही ठंड नहीं देखी है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में भी महसूस किया जा रहा है। आने वाले दिनों में अगर तापमान में और गिरावट आती है, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। चिकित्सकों ने लोगों को ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनने, गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने और अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है।




