

दरभंगा | रतनपुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान गौड़िये सम्प्रदाय के जगद्गुरु श्रीराधाबल्लभ दासजी महाराज ने कहा कि सच्चरित्रता (Character) मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा आभूषण है। इसी के माध्यम से व्यक्ति को समाज के प्रति दायित्व निभाने की प्रेरणा मिलती है और वह वैराग्य व ईश्वर मिलन की ओर अग्रसर होता है।
सच्चरित्रता ही भगवान से मिलन का मार्ग
जगत्गुरु ने कहा कि सच्चरित्रता जीवन का आधार है। यह व्यक्ति को सद्गुणों की दिशा में अग्रसर करती है और अंततः उसे भगवान से मिलन का मार्ग दिखाती है। उन्होंने श्रोताओं से आह्वान किया कि वे अपने जीवन में सच्चरित्रता को प्रतिस्थापित करें और उसे जीवन का हिस्सा बनाएं।
“कलयुग में सिर्फ नाम ही आधार है”
जगत्गुरु के अनन्य शिष्य उद्धव दासजी महाराज ने कथा प्रवचन के दौरान कहा कि कलयुग में भगवान का नाम ही सबसे बड़ा सहारा है। उन्होंने कहा — “सभी कार्य करते रहें, पर प्रभु का नाम स्मरण करना कभी न भूलें। इसी से मानव का कल्याण संभव है।”
भजनों से गूंज उठा वातावरण
इस अवसर पर दिनेश मंडल एवं उनकी टीम ने भगवान के सुमधुर भजन प्रस्तुत किए, जिनसे श्रोता भावविभोर हो उठे। पूरा वातावरण भक्ति और आनंद से सराबोर हो गया।
भक्तिमय हुआ रतनपुर और आसपास का इलाका
श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन से रतनपुर सहित आसपास के क्षेत्र में भक्तिमय माहौल बना हुआ है। श्रद्धालु प्रतिदिन कथा श्रवण के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं और धार्मिक उत्साह से वातावरण ओतप्रोत है।








