दरभंगा, देशज टाइम्स। रविवार का दिन था और दरभंगा में पुलिस विभाग में एक हाई-प्रोफाइल हलचल मची हुई थी। नगर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने अचानक पतोर थाना का वार्षिक निरीक्षण कर पुलिसकर्मियों को सकते में डाल दिया। इस दौरान उनकी पैनी नजरें उन सभी लंबित कांडों पर थीं, जिनकी वजह से न्याय की प्रक्रिया में लगातार देरी हो रही थी। सवाल था कि क्या एसपी की सख्ती से अब थानों में अटके मामलों का पहाड़ पिघल पाएगा?
नगर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने रविवार को पतोर थाना का वार्षिक निरीक्षण किया। इस दौरान उनका मुख्य फोकस थाने में लंबित पड़े विभिन्न आपराधिक मामलों की समीक्षा करना था। एसपी ने सभी अनुसंधानकर्ताओं (जांच अधिकारियों) के साथ एक विस्तृत बैठक की, जिसमें पतोर थानाध्यक्ष और अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक का मकसद यह समझना था कि आखिर क्यों इतनी बड़ी संख्या में मामले अधर में लटके हुए हैं।
लंबित मामलों पर SP की सख्ती
समीक्षा बैठक के दौरान, नगर पुलिस अधीक्षक ने लंबित कांडों के त्वरित निष्पादन के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने सभी अनुसंधानकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिया कि माननीय न्यायालय से तत्काल वारंट और कुर्की-जब्ती आदेश प्राप्त किए जाएं, ताकि वांछित अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके। एसपी ने जोर देकर कहा कि जांच की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए और हर मामले का अनुसंधान पूरी ईमानदारी और दक्षता के साथ किया जाना चाहिए।
गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान और सघन गश्त पर जोर
एसपी अशोक कुमार ने यह भी निर्देश दिया कि सभी अनुसंधानकर्ता अपने-अपने मामलों की दैनिकी (केस डायरी) को अद्यतन रखें। इसके अलावा, हर महीने निष्पादित होने वाले मामलों की पहचान कर उन्हें समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने थाने में प्रतिवेदित सभी कांडों की गहन समीक्षा की और निर्देश दिया कि सभी पुलिस पंजी (रजिस्टर) को अद्यतन रखा जाए। कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराध पर लगाम कसने के लिए थाना क्षेत्र में सघन गश्त का भी आदेश दिया गया।







