दरभंगा समाचार: अचानक मनीगाछी थाने में हुई एक दस्तक ने सभी पुलिसकर्मियों को चौकन्ना कर दिया। वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी ने सिर्फ निरीक्षण नहीं किया, बल्कि पुलिसिंग की हर बारीकी को जांचा और लंबित मामलों पर कड़े फरमान जारी किए। आखिर क्या थे वो निर्देश और किन पंजियों पर गिरी एसएसपी की गाज, आइए जानते हैं।
अचानक पहुंचे एसएसपी, मचा हड़कंप
दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी ने दिनांक 26 नवंबर 2025 को मनिगाछी थाने का औचक दौरा किया। इस दौरान उन्होंने एक महत्वपूर्ण अनुसंधान बैठक की अध्यक्षता की। रेड्डी ने थाने की कार्यप्रणाली, व्यवस्था और लंबित मामलों के निस्तारण को लेकर गहन समीक्षा की, जिससे थाने में हड़कंप की स्थिति रही।
पंजियों की बारीकी से जांच
निरीक्षण के दौरान, वरीय पुलिस अधीक्षक ने थाने में संधारित विभिन्न महत्वपूर्ण पंजियों की सूक्ष्मता से जांच की। इनमें दागी पंजी, अपराध पंजी, जेल से छूटे हुए अपराधियों की पंजी, केस डिस्पोजल पंजी, दैनिकी पंजी, ओ०डी० पंजी, गुंडा पंजी और अपराध अनुसंधान पंजी सहित कई अन्य रिकॉर्ड शामिल थे। उन्होंने एक-एक प्रविष्टि का बारीकी से अध्ययन किया और उनकी अद्यतन स्थिति पर सवाल पूछे।
लंबित मामलों पर सख्त निर्देश
जांच के बाद, एसएसपी ने थानाध्यक्ष और मौके पर मौजूद सभी पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। इन निर्देशों में शामिल थे:
- लंबित कांडों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित किया जाए।
- कांडों से संबंधित गिरफ्तारियां अविलंब की जाएं।
- थाना में संधारित पंजियों और लंबित कांडों की समीक्षा कर उनके समुचित अनुपालन के लिए कड़े निर्देश जारी किए गए।
समन और कुर्की तामीला पर अल्टीमेटम
प्रोसेस कंट्रोल (PC) की समीक्षा के दौरान, समन, बेल वारंट (BW), नॉन-बेलेबल वारंट (NBW), इश्तिहार और कुर्की पंजी की गहन जांच की गई। वरीय पुलिस अधीक्षक ने निम्नलिखित समय-सीमा का पालन करने के सख्त निर्देश दिए:
- लंबित समन, BW और NBW को प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से तामील किया जाए।
- इश्तिहार और कुर्की संबंधी आदेशों को प्राप्ति के मात्र 3 दिनों के अंदर तामील किया जाए।
थाने के रखरखाव पर भी ध्यान
अंत में, वरीय पुलिस अधीक्षक ने मनिगाछी थाने की साफ-सफाई और उसके सुव्यवस्थित रख-रखाव के संबंध में भी विस्तृत दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने एक स्वच्छ और व्यवस्थित कार्यस्थल के महत्व पर जोर दिया, जो पुलिसकर्मियों की कार्यक्षमता और जनसामान्य के बीच पुलिस की छवि को बेहतर बनाता है।







