दरभंगा शहर के ई-किसान भवन में मंगलवार को सुबह से ही गहमागहमी का माहौल था. बड़ी संख्या में महिला किसान गेहूं के उन्नत बीज खरीदने के लिए पहुंची थीं. अनुदानित दर पर मिलने वाले इन बीजों को हासिल करने के लिए किसानों में भारी उत्साह देखा गया. भवन के सामने देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में महिला किसानों का जमावड़ा लग गया, जिससे वहां एक अलग ही चहल-पहल नज़र आई.
अनुदानित बीज और किसानों का भरोसा
खेती-किसानी में बीज की गुणवत्ता और उसकी लागत, दोनों ही महत्वपूर्ण कारक होते हैं. ऐसे में सरकार द्वारा अनुदानित दरों पर उपलब्ध कराए जा रहे गेहूं के बीज किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं. खासकर छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों के लिए, जो बीज की ऊँची कीमतों के कारण कई बार अच्छी उपज से वंचित रह जाते हैं. इन बीजों की खरीद से न केवल उनकी लागत कम होती है, बल्कि बेहतर किस्म के बीज मिलने से पैदावार में भी वृद्धि की उम्मीद रहती है. महिला किसानों की इस भीड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि खेती में उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है और वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में कितनी तत्पर रहती हैं.
महिला किसानों की बढ़ती भागीदारी
कृषि क्षेत्र में महिला किसानों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. खेतों से लेकर बाजार तक, महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं. दरभंगा में गेहूं के बीज खरीदने के लिए लगी यह भीड़ इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वे कृषि से जुड़े हर पहलू में सक्रिय भूमिका निभाना चाहती हैं. अनुदानित बीज कार्यक्रम जैसी पहलें न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त करती हैं, बल्कि कृषि उत्पादकता बढ़ाने में भी सहायक होती हैं. यह उम्मीद की जा रही है कि समय पर और सही दर पर मिले इन बीजों से इस बार गेहूं की अच्छी पैदावार होगी, जिससे क्षेत्र की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.





