दरभंगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 13 नवंबर को दरभंगा के नए युग की आधारशिला रखी जाएगी। एम्स निर्माण में लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार मिथिलांचल क्षेत्र से जुड़े करीब दो दर्जन जिलों के लोगों को “एम्स” जैसी स्तरीय चिकित्सा सुविधा का लाभ 3 से 4 वर्षों में मिलने लगेगा। इसको लेकर लोगों को असिम संभावनाएं दिख रही है। कई तो इसे नए युग का सूत्रपात मान रहे हैं। हकीकत है कि एम्स के शिलान्यास के साथ ही इस क्षेत्र के चौमुखी विकास के द्वार और तेजी से खुलेंगे …Report @Ajit Kumar, Darbhanga
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे,होगी तरक्की और उन्नति, रुकेगा पलायन
ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर का हिस्सा एन एच 57 और दरभंगा समस्तीपुर न 322 को जोड़ने वाली इस इलाके में लोगों का उत्साह चरम पर है ,उन्हें लगता है एम्स निर्माण के साथ इस समुचित क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा। रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और लोगों का पलायन भी रुकेगा यूं तो इस क्षेत्र के लोग बाढ़ की विभीषिका सालों से झेलते रहे हैं।
अटल जी के सपनों का ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर बदल रहा क्षेत्र के लोगों की किस्मत
अटल बिहारी वाजपाई जी के सपनों का ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर एन एच 57 के निर्माण के साथ ही उनके भाग्य ने बदलाव की करवट लेनी शुरू कर दी है । धीरे-धीरे नई पीढ़ी को “अपने त्रादसी को खत्म होने और उन्नति के अवसर” का सपना साकार होता दिख रहा है।
समस्तीपुर दरभंगा एनएच के किनारे बसे गांव चंडी मुस्तफापुर भरोल, मोहम्मदपुर, आदि गांव में बुजुर्गों की आंखें उम्मीद से भरी है युवा उत्साहित है ।
छोटे-मोटे रोजगार से अपना जीवन यापन करने वाले लोगों को लग रहा है कि अब उनके बच्चों को दिल्ली कोलकाता राजस्थान जयपुर आदि क्षेत्रों में जाकर मजदूरी करने से निर्यात मिलने वाला है एम्स की स्थापना के साथ ही इस क्षेत्र में कई तरह के व्यवसाय के असर बना रहे हैं ।
झींगा मछली व्यवसाय भी पाएगा नई पहचान
एम्स निर्माण स्थल शोभन से दरभंगा के बीच की दूरी करीब ढाई किलोमीटर है । इस बीच में अधवारा समूह की नदी बहती है और वॉटरवेज बंद भी है । यहां की धार में झींगा मछली की बहुतायत है और इसकी सप्लाई दरभंगा से दूर के क्षेत्र में भी होती रही है। मुस्तफापुर के किशोरी सहनी, रामजतन सहनी, विकास सहनी, सुरेश मंडल की माने तो बाढ़ के कारण यहां तो एक फैसला खेती होती है लेकिन झींगा मछली का व्यवसाय से उनका गुजारा किसी प्रकार चल जाता है। पिछले दिनों नदी में पानी कम रहने से यह व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है। काम नहीं मिलने के कारण उनके बेटे पंजाब, हरियाणा ,दिल्ली आदि क्षेत्रों में जाकर रोजगार तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि एम्स के निर्माण से इलाज में तो सुविधा होगी । साथ ही विभिन्न प्रकार के रोजगार होटल, दुकान, किराए का मकान ,रिक्शा , तो बढ़ेंगे ही और कोदरिया चौक के नाम से बाढ़ प्रभावित इस क्षेत्र की किस्मत बदल जाएगी । चौक के एक लेथ ऑपरेटर राजेश ने बताया कि इस क्षेत्र में गाड़ियों की आवागमन से मजदूरों को भी काम करने का अवसर मिल सकेगा।
एम्स निर्माण में लगेगा 3 वर्ष का समय, 1261 करोड रुपए की लागत से बनेगा अस्पताल
750 बेड वाले अत्यधिक एम्स अस्पताल के निर्माण के लिए बिहार सरकार के द्वारा 188 एकड़ भूमि स्वास्थ्य मंत्रालय को सौपी गई है, जिसमें दरभंगा एम्स का निर्माण किया जाना है ।बताया गया है कि 1261 करोड़ की लागत से दरभंगा एम्स का निर्माण होगा, जिसका भूमि पूजन 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। जानकारी के मुताबिक दरभंगा एम्स में कुल 750 बेड होंगे। इसके अलावा दर्जनों अत्यधिक विभागों में ओपीडी एवं इंडोर उपचार की सुविधा दी जाएगी। राज्य सरकार के द्वारा यहां पथ निर्माण, पेयजल ,बिजली, सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी ताकि निर्माण कार्य तेजी से हो और इस क्षेत्र का विकास हो सके।