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25 मार्च, 2024
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Darbhanga का बड़ा नाम DMCH, मचा पानी का हाहाकार, 24 घंटे से पानी के लिए त्राहिमाम्…

शौच करने से लेकर, परीक्षण रूम में मरीज की इलाज के बाद हाथ धोने के लिए डॉक्टरों और नर्सों के पास पानी नहीं है। चापाकल से कर्मी पानी भर रहे हैं। एक-दूसरे से पानी मांगा जा रहा है। यह हाल है डीएमसीएच का। इमरजेंसी विभाग में मरीजों के उपचार में इस्तेमाल होने वाले मेडिकल उपकरणों की सफाई बाधित है। उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार कहते हैं, जानकारी मिली है। शीघ्र ठीक कराने के उपाय चल रहे हैं।

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दरभंगा का DMCH। बड़ा नाम। उत्तर बिहार का सबसे बड़ा स्वास्थ्य केंद्र। मगर, हालत बदतर। जिस अस्पताल के चारों ओर बारिश के दिनों में पानी ही पानी नजर आता है आज हालात ये हैं कि उसके सबसे बड़े विभाग इमरजेंसी विभाग में पानी का हाहाकार मचा है। मरीजों के इलाज के लिए उपकरण सफाई कैसे हो, इसकी चिंता बनी हुई है। बिन पानी क्या परेशानी वहां के चिकित्सक से लेकर मरीज उठा रहे होंगे, जरा सोचिए। और, पढ़िए रितेश कुमार सिन्हा की यह डीएमसीएच की शानी में भरी पानी की परेशानी वाली यह रिपोर्ट…

उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच के इमरजेंसी विभाग में पिछले 24 घंटे से पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है। बतादें की इस विभाग में पानी के लिए लगाए गए मोटर में खराबी आ जाने से यह समस्या हो गई है।

इससे यहां इलाज करने वाले डॉक्टर,नर्स, कर्मी और मरीज के परिजन बूंद- बूंद पानी के लिए तरसने को रहे हैं। यही नहीं इस इमरजेंसी विभाग मरीजो के इलाज में लाये गए उपकरणों की सफाई करना भी मुश्किल हो गया है। पानी के लिए हाहाकार मचा रहने के बावजूद अस्पताल प्रशासन के द्वारा मोटर को अभी तक दुरुस्त नहीं कराया जा सका है।

बताया जाता है कि गुरुवार को दिन के करीब दो-तीन बजे अचानक वहां का मोटर करना बंद कर दिया। जिसके बाद से पानी की सप्लाई ठप हो गई। जबतक टंकी में सप्लाई का पानी रहा तबतक स्थिति सामान्य रही। लेकिन मोटर के जलने के कुछ घंटे के बाद पानी के लिए हाहाकार मच गया। तब कर्मियों को मालूम पड़ा कि कैदी वार्ड में लगा पानी का मोटर जल चुका है।

जानकारी के अनुसार, इस मोटर के जरिए इमरजेंसी, सीसीडब्ल्यू के कमरों और कैदी वार्ड में पानी की सप्लाई होती हैं। दस बेडो वाले बंदी वार्ड में फिलहाल तीन मरीज इलाजरत है। जबकि इमरजेंसी के तीन कमरे में चल रहे सीसीडब्ल्यू वार्ड के दस बेड पर मरीजों का इलाज चल है।

इनके परिजनों को भी शौच आदि जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही वार्ड की साफ-सफाई में भी कर्मियों को कठिनाई हो रही हैं। नल से पानी नहीं आने कारण बाहर परिसर में मौजूद एकमात्र चापाकल लोगों का सहारा बना है।

वहीं परीक्षण रूम में मरीज को इलाज के बाद हाथ धोने के लिए डॉक्टरों और नर्सो को पानी नहीं मिल रहा है। चापाकल से थोड़ा-थोड़ा पानी मंगाकर वे हाथ साफ करने को मजबूर हैं।

इमरजेंसी विभाग में इलाज कराने आये मरीज के परिजन रामप्रकाश साह ने बताया कि मेरा मरीज CCW वार्ड में इलाजरत है पूरे रात पानी के लिए काफी परेशानी झेलना पड़ा है। कर्मियों से पानी के पूछने पर पता चला कि यहां का मोटर खराब हो गया है। जिस कारण बाहर के चापाकल से पानी लेकर काम चलाना पड़ा हैं।

उपकरणों की सफाई में हो रही परेशानीइमरजेंसी विभाग में जलापूर्ति ठप रहने से मरीजों के उपचार में इस्तेमाल होने वाले मेडिकल उपकरणों की सफाई भी बाधित हो गई है। इस कारण टांके आदि लगाने में दिक्कत हो रही हैं।

ठीक ढंग से सफाई नहीं हो पाने के चलते इंफेक्शन फैलने की आशंका से बढ़ गई। पानी की किल्लत होने के कारण कर्मियों को परिसर में स्थित एक मात्र चापाकल से बाल्टी में पानी भर कर लाना पड़ रहा है। तब जाकर उपकरण की सफाई कर मरीजो का इलाज किया जा रहा है।

इस संबंध में डीएमसीएच उपाधीक्षक डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि इमरजेंसी विभाग के मोटर में खराबी होने की सूचना मिली है। उसे शीघ्र ठीक कराने के लिए कर्मियों को निर्देश दिया गया है।

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