

दरभंगा जिला के जाले प्रखंड अंतर्गत अतरबेल-जाले मुख्य सड़क पर महदई चौक के पास एक दर्दनाक सड़क हादसे में 65 वर्षीय महिला मोसमात सोहगिया देवी की मृत्यु हो गई।
घटना 5 जुलाई की रात करीब 8 बजे की बताई जा रही है जब स्व. त्रिवेणी दास की पत्नी सोहगिया देवी बगीचे से घर लौट रही थीं।
ठोकर मारकर फरार हुआ वाहन, मौके पर अफरा-तफरी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महदई चौक के पास अचानक एक अज्ञात तेज़ रफ्तार वाहन आया और महिला को ठोकर मारकर फरार हो गया। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी और गंभीर अवस्था में घायल महिला को जाले स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पहुंचाया गया।
डीएमसीएच ले जाने के दौरान टूटी सांसें
सीएचसी के चिकित्सकों ने महिला की हालत को गंभीर बताया और उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद डीएमसीएच (Darbhanga Medical College & Hospital) रेफर कर दिया।
दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान अस्पताल में ही महिला की मौत हो गई। परिजनों के अनुसार, हादसे के बाद से महिला अचेत अवस्था में थी और डॉक्टरों ने उसे गंभीर ट्रॉमा बताया।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर कराया पोस्टमार्टम
जाले थाना पुलिस मौके पर पहुंची और कानूनी प्रक्रिया के तहत महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। 6 जुलाई रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
थानाध्यक्ष ने बताया:
“घटना के संबंध में यूडी केस (Unnatural Death) दर्ज कर लिया गया है। अज्ञात वाहन चालक की तलाश की जा रही है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।”
परिजनों में मातम, ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग
महिला की मौत की खबर मिलते ही पकटोला गांव में मातम का माहौल छा गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। गांव के लोगों ने प्रशासन से दोषी वाहन चालक की गिरफ्तारी और मुख्य सड़क पर स्पीड ब्रेकर की मांग की है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि महदई चौक के आसपास अक्सर तेज रफ्तार वाहन चलाए जाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
सड़क सुरक्षा की कमजोर स्थिति उजागर
इस घटना ने एक बार फिर बिहार में सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था की पोल खोल दी है।
भारत में हर साल लाखों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार सड़क दुर्घटनाएं मौत का प्रमुख कारण बन चुकी हैं।
बिहार सरकार ने हाल ही में रोड सेफ्टी जागरूकता अभियान चलाया है लेकिन स्थानीय स्तर पर बुनियादी उपाय, जैसे स्पीड ब्रेकर, सिग्नल, और सड़क संकेतों की भारी कमी है।
निष्कर्ष: सख्त नियमों और बुनियादी उपायों की ज़रूरत
मोसमात सोहगिया देवी की मौत केवल एक हादसा नहीं बल्कि सिस्टम की लापरवाही का परिणाम है।
सड़कों पर स्पीड कंट्रोल और निगरानी के लिए स्थानीय प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए:
सीसीटीवी की संख्या बढ़ाई जाए
सड़क किनारे स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं
सड़क दुर्घटना क्षेत्रों की सूची तैयार कर विशेष निगरानी रखी जाए
दोषी वाहन चालकों को जल्द गिरफ्तार कर सजा दी जाए








