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9 जनवरी, 2024
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दरभंगा में नीतीश बाबू आपका स्वागत है, बस… “सिंगल विंडो समाधान”, “जलाशय प्राधिकरण” दे दीजिए

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तालाब बचाओ अभियान: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दरभंगा आगमन पर उठाएंगे जलाशयों की समस्याएं

मैथिली साहित्य परिषद में हुई विशेष मीटिंग
दरभंगा, 9 जनवरी। तालाब बचाओ अभियान की ओर से मैथिली साहित्य परिषद प्रांगण में गुरुवार को एक विशेष मीटिंग आयोजित की गई। इस मीटिंग की अध्यक्षता प्रो. विद्या नाथ झा ने की। बैठक में तालाब बचाओ अभियान के संयोजक नारायण जी चौधरी के प्रस्ताव पर जल, जलाशय और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के समक्ष रखने का निर्णय किया गया।

राज्य स्तर पर “जलाशय प्राधिकरण” की मांग
बैठक में प्रमुख रूप से यह मांग उठी कि राज्य में एक “जलाशय प्राधिकरण” (Reservoir Authority) का गठन हो। यह प्राधिकरण सार्वजनिक जलाशयों जैसे तालाब, झील, नदियों और आहर-पाइन की सुरक्षा के लिए समर्पित हो। इसके अंतर्गत:

  • सभी जलाशयों का विवरण पोर्टल पर उपलब्ध हो।
  • प्राधिकरण के पास व्हाट्सएप नंबर, मेल आईडी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हों, जहां शिकायतें दर्ज की जा सकें।
  • शिकायतों का समाधान तीन महीने की अवधि में किया जाए।
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जिला स्तर पर “सिंगल विंडो समाधान” की स्थापना
अभियान ने मांग की कि जिला स्तर पर “सिंगल विंडो समाधान” केंद्र बने, जहां अतिक्रमण के मामलों को तेजी से सुलझाया जाए। वर्तमान में लंबी कानूनी प्रक्रिया के कारण 10-15 वर्षों तक मामले उलझे रहते हैं, जिससे भूमाफिया को लाभ होता है।

सार्वजनिक जलाशयों का पुनर्जीविकरण और सौंदर्यीकरण
तालाब, झील और वेटलैंड्स के सौंदर्यीकरण के लिए राज्य स्तरीय गाइडलाइंस बनाने का अनुरोध किया गया। गाइडलाइंस में स्थानीय जैव विविधता और पर्यावरणीय कारकों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। वर्तमान में मनमाने ढंग से हो रहे कार्यों पर रोक लगाने की मांग भी उठी।

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भूमाफिया के खिलाफ सख्त कानून की जरूरत
अभियान ने भूमाफिया के खिलाफ कठोर दंडात्मक कानून बनाने की आवश्यकता जताई। दरभंगा के मन पोखर के अतिक्रमणकर्ता का उदाहरण देते हुए, अभियान ने कहा कि 30 से अधिक तालाबों का अतिक्रमण करने के बावजूद उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

हराही, दिग्घी और गंगा सागर तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने की अपील
हराही, दिग्घी और गंगा सागर तालाबों के पुनर्जीविकरण और अतिक्रमण मुक्त करने की मांग उठाई गई। इन तालाबों के बीच पार्क के लिए चिन्हित भूमि पर अतिक्रमण हटाने का भी अनुरोध किया गया।

स्थानीय कार्यकर्ताओं की सुरक्षा पर जोर
बैठक में दरभंगा के सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया गया। भूमाफिया से उन्हें गंभीर खतरा बताया गया और पुलिस-प्रशासन से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई।

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अध्यक्षीय संबोधन
प्रो. विद्या नाथ झा ने अपने संबोधन में कहा, “जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है, लेकिन इसे और प्रभावी बनाने की जरूरत है। दरभंगा के जलाशयों पर हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।”

उपस्थित गणमान्य सदस्य
मीटिंग में डॉ. अवनिंद्र कुमार झा, डॉ. शारदा नंद चौधरी, डॉ. अशोक कुमार सिंह, प्रकाश बंधू, इंदिरा कुमारी, अजीत कुमार मिश्र सहित कई सदस्य उपस्थित थे। सभी ने अपने विचार रखते हुए मुख्यमंत्री से उपर्युक्त बिंदुओं पर ठोस कदम उठाने की अपील की।

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