दरभंगा,देशज टाइम्स ब्यूरो। जिले के कर्पूरी ठाकुर चौक स्थित मेडिकल मैदान में नोनिया समाज महासम्मेलन में पहुंचे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने जातिगत जनगणना नहीं कराने को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया।
कहा, हमलोगों ने सीएम नीतीश कुमार के साथ जाकर प्रधानमंत्री से दिल्ली में मुलाकात की लेकिन हमें निराशा मिली। तभी हमलोंगों ने तय कि बिहार में अपने पैसे से जातिगत जनगणना कराएंगें ताकि सबकुछ साफ हो सके।
तेजस्वी यादव ने कहा, यह सिर्फ जातिगत जनगणना नहीं है। बल्कि आर्थिक और शैक्षणिक जनगणना भी है ताकि पता चल सके कि कौन कितना पढ़ा लिखा है, कितनी कितनी आमदनी है, कौन गरीबी रेखा से नीचे है, उसी के आधार पर सरकार ने आरक्षण देने का कार्य किया ताकि गरीब जो हर जाति में हैं, हर वर्ग में हैं उनका उत्थान किया जा सके। पढ़िए पूरी खबर
उन्होंने कहा कि बिहार देश का पहला राज्य है जहां न सिर्फ जातीय सर्वेक्षण कराया गया बल्कि आर्थिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण भी कराया है। इस सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में 94 लाख परिवार गरीबी रेखा के नीचे पाए गए है। बिहार की सरकार इन 94 लाख परिवारों के उत्थान की योजना बना रही है।
इसमे प्रत्येक परिवार को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद रोजगार के लिए करेगी जबकि मकान बनाने के जिनके पास जमीन नही है उन्हें जमीन के लिए एक लाख रुपये की मदद करेगी। जब जमीन हो जाएगा तो उन परिवारों को 1लाख 20 हजार रुपया प्रत्येक परिवार को घर बनाने के लिए देगी।
संविधान दिवस पर हमको अवसर मिला आपलोगों से आशीर्वाद लेने का । संविधान को बचाना है लोकतंत्र को बचाना है तो भाजपा को भगाना है। एक बात आपलोग दिमाग से दिल से एक बात साफ कर लीजिए एक बात मान लीजिए तेजस्वी हर कमजोर वर्ग के साथ खड़ा है। आपके मान सम्मान में कोई कमी नहीं आने दिया जाएगा। जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा है दलित हो, आदिवासी अल्पसंख्यक या स्वर्ण जाति के गरीब तबका के साथ हम और हमारी पार्टी लालू प्रसाद खड़े हैं।
लोग आज खुलकर अपनी बात को सरेआम सबके सामने रख सकते हैं। अपने अधिकार को मानते हैं ऐसा लालूजी के आने के बाद यह आवाज देने का काम किया। यह ताकत मिली लेकिन तो आप देखिए हर जाति में गरीबी है चाहे किसी भी जाति के हो, हमारा यही संघर्श था, लालू प्रसाद का संघर्श था सीएम नीतीश कुमार की चाहत थी कि जाति गणना हो इससे सब कुछ साफ हो जाएगा दूध का दूध हो जाएगा कि कौन परिवार गरीब है, कौन जाति का लोग है जो कचरा साफ करने वाला है कौन भूमिहीन है किसके पास रोजगार नहीं है यह कैसे पता चलता यह शैक्षणिक कौन समाज कितना पढ़ा लिखा है।
साथ ही आर्थिक भी कि कौन गरीबी रेखा से नीचे है यह कैसे पता चलता, यह जातिगत गणना नहीं है। यह भी बीजीपी नहीं चाहती थी। पीएम मोदी नहीं चाहते थे हमलोग दिल्ली गए, सीएम नीतीश कुमार के साथ हम लोग दिल्ली गए लेकिन हमलोग प्रधानमंत्री से मिले। लीेकिन उन्होंने कहा हमलोग नहीं कराएंगें, लेकिन इसके बाद हमलोगों ने बिहार में तय किया कि गणना बिहार में कराना है। पूरे देश में हो जाता तो पता चल जाता कौन क्या कर रहा है। कैसी स्थिति है।
किसका कितना पढ़ाई हुआ। कौन मजदूरी करता है। कौन रिक्शा चलाता है, कौन ठेला चलाता है। कौन कचरा साफ करने वाला है नाला साफ करने वाला है, सबको मुख्यधारा में लागना है। सबको मुख्य धारा में लाना है। उनके बच्चों को पढ़ाना है। सबके इस दिशा में सबको साथ लाना है। 94 लाख गरीब परिवार है।
आप समझ सकते हैं कितनी बड़ी संख्या, नहीं कराते समझ नहीं आता। हम योजना बनाते रहते उनको लाभ नहीं मिलता। दलित का संख्या बढ़ा, ऐसे में हमलोगों ने तय किया कि सबसे बड़े आरक्षण का दायरा बढ़ाना है। आजादी के बाद कभी नहीं हुआ, बिहार सरकार पहली बार हमलोगों ने जनगणना कराया।
श्री यादव ने कहा कि आजाद भारत मे बिहार पहला राज्य है जहां आरक्षण की सीमा बढ़ा दी गई है अब सब लोग आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे है। अब तो राहुल गांधी भी जातीय जनगणना के पक्ष में खड़े है।
तेजस्वी यादव ने नोनिया समाज से कहा कि अभी भी हमारी पार्टी ने सबसे ज्यादा चार लोगों को हमारी पार्टी ने जगह दी है। उन्होंने नोनिया समाज के लोगो से कहा कि आप लोग हमारा साथ दीजिए हम इस समाज को आगे और ज्यादा हिस्सेदारी देंगे।
संविधान दिवस पर हमको अवसर मिला है आप लोगों से आशीर्वाद लेने का। संविधान को बचाना है लोकतंत्र को बचाना है तो भाजपा को भगाना है। एक बात आप लोग दिमाग से दिल से एक बात साफ कर लीजिए एक बात मान लीजिए तेजस्वी हर कमजोर वर्ग के साथ खड़ा है।
आपके मान सम्मान में कोई कमी नहीं आने दिया जाएगा। जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा है दलित हो, आदिवासी अल्पसंख्यक या स्वर्ण जाति के गरीब तबका के साथ हम और हमारी पार्टी लालू प्रसाद खड़े हैं। लोग आज खुलकर अपनी बात को सरेआम सबके सामने रख सकते हैं।
अपने अधिकार को मानते हैं ऐसा लालूजी के आने के बाद यह आवाज देने का काम किया। यह ताकत मिली लेकिन तो आप देखिए हर जाति में गरीबी है चाहे किसी भी जाति के हो, हमारा यही संघर्ष था।
लालू प्रसाद का संघर्ष था सीएम नीतीश कुमार की चाहत थी कि जाति गणना हो इससे सब कुछ साफ हो जाएगा दूध का दूध हो जाएगा कि कौन परिवार गरीब है, कौन जाति का लोग है जो कचरा साफ करने वाला है कौन भूमिहीन है किसके पास रोजगार नहीं है यह कैसे पता चलता यह शैक्षणिक कौन समाज कितना पढ़ा लिखा है, साथ ही आर्थिक कि कौन गरीबी रेखा से नीचे है यह कैसे पता चलता, यह जातिगत गणना नहीं है इसमें यह भी शैक्षणिक और आर्थिक जानकारी भी है।
बीजेपी नहीं चाहती था पीएम मोदी नहीं चाहते थे, हमलोग दिल्ली गए, सीएम नीतीश कुमार के साथ हम लोग दिल्ली गए लेकिन हमलोग प्रधानमंत्री से मिले। लीेकिन उन्होंने कहा हमलोग नहीं कराएंगें, लेकिन इसके बाद हमलोगों ने बिहार में तय किया कि गणना बिहार में कराना है।
कहा कि पूरे देश में हो जाता तो पता चल जाता कौन क्या कर रहा है। कैसी स्थिति है। किसका कितना पढ़ाई हुआ कौन मजदूरी करता है। कौन रिक्शा चलाता है, कौन ठेला चलाता है। कौन कचरा साफ करने वाला है नाला साफ करने वाला है, सबको मुख्यधारा में लागना है। सबको मुख्य धारा में लाना है। उनके बच्चों को पढ़ाना है। सबके इस दिशा में सबको साथ लाना है।
कहा कि 94 लाख गरीब परिवार है। आप समझ सकते हैं कितनी बड़ी संख्या, नहीं कराते समझ नहीं आता। हम योजना बनाते रहते उनको लाभ नहीं मिलता। दलित का संख्या बढ़ा, ऐसे में हमलोगों ने तय किया कि सबसे बड़े आरक्षण का दायरा बढ़ाना है। आजादी के बाद कभी नहीं हुआ, बिहार सरकार पहली बार हमलोगों ने जनगजना कराया।
इससे पहले तेजस्वी यादव ने पीएचडी मंत्री ललित कुमार यादव, कल्याण मंत्री अनिता देवी के साथ नोनिया बिंद बेलदार महासम्मेलन का दीप प्रज्वलित कर किया उद्घाटन किया। इस अवसर पर बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित यादव, पिछड़ा वर्ग व अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री अनिता देवी सहित कई नेताओं ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। वहीं, नोनिया समाज की ओर से तेजस्वी यादव का मिथिला के परंपरा के अनुसार पाग, माला और चादर से सम्मानित किया गया।