मनोज कुमार झा, अलीनगर, दरभंगा | अलीनगर उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक फिरोज़ अहमद ख़ान का मामला शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है। बीपीएससी द्वारा आयोजित प्रधान शिक्षक की परीक्षा में सफलता पाने के बाद भी उनका योगदान (Joining) अब तक अधर में लटका हुआ है।
विद्यालय आवंटन के बावजूद नियुक्ति पत्र नहीं
श्री ख़ान को उच्च माध्यमिक विद्यालय सोनकी (दरभंगा) आवंटित होने का संदेश मिला था। विद्यालय आवंटन सूची में उनका नाम भी मौजूद था। लेकिन विभाग ने उन्हें नियुक्ति पत्र देने की बजाय प्रतीक्षा सूची (Waiting List) में डाल दिया। नतीजतन, वे 18 जुलाई से अब तक उच्च माध्यमिक विद्यालय अलीनगर में ही कार्यरत हैं।
ट्रांसफर-पोस्टिंग में गड़बड़ी का आरोप
शिक्षा विभाग ने हाल ही में शिक्षकों का राज्यव्यापी ट्रांसफर-पोस्टिंग किया था, लेकिन इसमें प्रधानाध्यापकों का स्थानांतरण नहीं होना था।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, श्री ख़ान को आवंटित विद्यालय सोनकी में पहले से ही दूसरे विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने ट्रांसफर कराकर योगदान दे दिया है। माना जा रहा है कि यही वजह है कि श्री ख़ान की जॉइनिंग एक महीने से अधर में लटकी हुई है।
नियुक्ति पर संशय
शिक्षा विभाग की यह चूक अब श्री ख़ान के भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रही है। सूत्रों का कहना है कि विभाग को उन्हें किसी अन्य विद्यालय में पदस्थापित करना चाहिए था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई है।