
केवटी, दरभंगा। मिथिला शतरंज एकेडमी और जिला शतरंज संघ की ओर से लदारी स्थित विकास भारती हाई स्कूल में आयोजित प्रमंडल स्तरीय शतरंज (चेस) प्रतियोगिता में विभिन्न आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।
प्रतियोगिता में विजयी होते ही बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे।
विभिन्न आयु वर्ग के विजेता
17 वर्ष बालक वर्ग
प्रथम: अनुभव मिश्रा
द्वितीय: अभिनय राजीव झा
तृतीय: आर्यन शुक्ला
17 वर्ष बालिका वर्ग
प्रथम: खुशी कुमारी
द्वितीय: वैष्णवी
तृतीय: सुरूची कुमारी
13 वर्ष बालक वर्ग
प्रथम: वैभव कुमार झा
द्वितीय: अंश कुमार झा
तृतीय: अमन कुमार
13 वर्ष बालिका वर्ग
प्रथम: देव्यानी झा
द्वितीय: अनुष्का कुमारी
तृतीय: अर्चना
11 वर्ष बालक वर्ग
प्रथम: मो. मोईन हयात
द्वितीय: संगमसेतु
तृतीय: अमन ठाकुर
11 वर्ष बालिका वर्ग
प्रथम: जया कुमारी
द्वितीय: अपराजिता
तृतीय: अर्सिका
9 वर्ष बालक वर्ग
प्रथम: सहयम कुमारी
द्वितीय: कृष्ण मोहन
तृतीय: मो. आदिल
9 वर्ष बालिका वर्ग
प्रथम: प्रियल झा
द्वितीय: प्रियल रूबी
तृतीय: आसन प्रवीण
7 वर्ष बालक वर्ग
प्रथम: पीयूष झा
द्वितीय: प्रेम कुमार
तृतीय: हरिओम झा
7 वर्ष बालिका वर्ग
प्रथम: रानवी राय
द्वितीय: काजल झा
तृतीय: सागरिका कुमारी
120 छात्र-छात्राओं ने लिया हिस्सा
इस प्रमंडल स्तरीय प्रतियोगिता में दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर जिले के सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों के 120 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
प्रतियोगिता में 6 से 17 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों ने चार राउंड में अपना कौशल दिखाया।
विजेताओं को मिला कप और प्रशस्ति पत्र
प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को कप और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। अन्य प्रतिभागियों को मेडल और प्रमाण पत्र दिए गए।
अध्यक्ष प्रदीप कांत चौधरी ने कहा –
जिला शतरंज संघ के अध्यक्ष प्रदीप कांत चौधरी ने कहा कि शतरंज खेल बच्चों के मानसिक विकास और एकाग्रता के लिए अत्यंत जरूरी है। उन्होंने आगे भी इस प्रकार की प्रतियोगिता का आयोजन करने की बात कही।
सचिव किशोर कुमार झा ने खिलाड़ियों को शतरंज के नियमों और अनुशासन की जानकारी दी और खेल के प्रति बच्चों का हौसला बढ़ाया।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों ने भी समारोह को संबोधित करते हुए बच्चों को प्रेरित किया।
दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर के छात्रों ने दिया संदेश
यह प्रतियोगिता बच्चों के लिए प्रतिभा निखारने और मानसिक विकास का एक बड़ा मंच साबित हुई। दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर के छात्रों ने अपनी रणनीतिक सोच और कौशल से यह संदेश दिया कि बिहार में शतरंज का भविष्य उज्ज्वल है।