दरभंगा मेडिकल कॉलेज के नॉर्थ हॉस्टल के मेस से रविवार की अहले सुबह बरामद की गई विदेशी शराब की बड़े खेप के मामले में कई सफेदपोशों पर भी पुलिस की गाज गिर सकती है। यह तय माना जा रहा है, संरक्षण के बिना वहां से इतने व्यापक स्तर पर शराब की तस्करी संभव नहीं थी।
शराब बरामद मामले में एसएसपी बाबूराम सख्त हुए हैं। एसएसपी बाबूराम ने बेंता थानाध्यक्ष को आरोपी की संपत्ति की पता लगाने का निर्देश दिया है। एसडीपीओ को थानाध्यक्ष की भूमिका की जांच कर दो दिन के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। 24 घंटे के अंदर आरोपी की संपति तथा पूरे गिरोह का उद्भेदन करने पर थानाध्यक्ष को निलंबित करने की चेतावनी है।
एक तरह से कहा जा सकता है कि तस्करों ने हॉस्टल के मेस को शराब का स्टॉक प्वायंट बना रखा था। इस मामले में पिकअप चालक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार चार अन्य लोगों में गंगासागर निवासी राजेश दास, अललपट्टी निवासी रितेश मंडल व गोपाल मंडल तथा बहादुरपुर थाना क्षेत्र के रघेपुरा गांव का रहने वाला गोलू मंडल है।
दो दिन पहले बिहार के दरभंगा के DMCM के ब्वॉज हॉस्टल से 99 कार्टन विदेशी शराब बरामद हुई है। पुलिस ने यहां से हॉस्टल 2K बैच के मेस एवं पिकअप वैन से शराब की खेप जब्त की हैं. इसके साथ ही पुलिस ने पिकअप वैन के चालक मो. फैसल को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने भारी मात्रा में शराब उस परिसर से जब्त की है जहां दो दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक की थी. यहां दो दिन पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने जिले में चल रही योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक की थी। अब डीएमसीएच के ब्वायज हॉस्टल से दरभंगा पुलिस ने शनिवार की देर रात 99 कार्टन विदेशी शराब बरामद की है।
गिरफ्तार किए गए लोगों से पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी मिल सकती है। कॉलेज परिसर से शराब की तस्करी की आशंका कई दिनों से जताई जा रही थी। इस सिलसिले में मद्य निषेद विभाग के वरीय अधिकारी ने कॉलेज व अस्पताल प्रशासन से पिछले दिनों मिलकर चिंता जताई थी।
रविवार को कॉलेज परिसर से शराब की बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद पूर्व की आशंकाओं को बल मिला। बता दें कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज का हॉस्टल परिसर पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है। परिसर में दो तरफ से प्रवेश गेट हैं। दोनों गेटों पर 24 घंटे सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं।
रात के वक्त दोनों गेट बंद कर दिए जाते हैं। ऐसे में शराब लदी पिकअप के परिसर में प्रवेश कर जाना अपने आप में कई सवाल खड़े करते हैं। माना जा रहा है कि कई लोगों की मिलीभगत से शराब तस्करों के लिए हॉस्टल परिसर सेफ जोन था। तस्करों को उम्मीद नहीं थी कि पुलिस परिसर के अंदर प्रवेश कर शराब बरामद कर सकती है।