दरभंगा, देशज टाइम्स अपराध ब्यूरो। दरभंगा के वाणिज्यकर की श्रेणी में आने वाले प्रतिष्ठानों के लिए बड़ी खबर है। अब एक जुलाई से दरभंगा में अब वाणिज्यकर का नया अंचल एक जुलाई से काम करने लगेगा।
प्रदेश सरकार ने राजस्व बढ़ाने ओर कारोबारियों की सहूलियत के लिए वाणिज्यकर विभाग के अंचल को दोगुना कर दिया है। यह व्यवस्था एक जुलाई से लागू होने जा रही है।
इसके तहत, दरभंगा में एक अंचल और काम करने लगेगा। प्रदेश में अभी पांच लाख कर दाता हैं। वहीं, दरभंगा में यह आंकड़ा बेहद कम है। इसके अलावे, मुजफ्फरपुर, सारण, गया और दानापुर समेत भागलपुर की भी यही स्थिति है।
ऐसे में सरकार ने अब अंचल बढ़ाकर जहां दरभंगा समेत अन्य जिलों के कर दाताओं को सहूलियत देने जा रही है। वहीं, उनकी परेशानी भी बढ़ने वाली है।
सरकार का यह प्रयास सीधा राजस्व संग्रह बेस को बढ़ाना है। मगर, दरभंगा समेत अन्य जिलों के अधिकारियों को इसमें परेशानी आ रही थी।
वहीं, कारोबारियों को अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता था। अब क्या होगा कि नए अंचल बनने से करदाताओं के कार्यों को आसान बनाया जाएगा वहीं नए कारदाताओं को जोड़ा जाएगा।
जो लोग अभी तक कर के दायरे में नहीं आए थे। उनके यहां अब जीएसटी की जांच और उनपर एक्शन होना तय है। इसकी वजह पहले जानिए।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार के कर अधिकारियों से जीएसटी की चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। भले ही वे किसी भी अधिकार क्षेत्र में क्यों न आते हों।
बोर्ड ने राजस्व चोरी पर अंकुश लगाने के लिये यह कदम उठाया है। सीबीआईसी ने क्षेत्रीय अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा कि केंद्र तथा राज्य के अधिकारी सूचना आधारित प्रवर्तन कार्रवाई कर सकते हैं। भले ही करदाता उस अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता हो।
पिछले साल एक जुलाई से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत केंद्र तथा राज्य अधिकारियों को सालाना कारोबार के आधार पर करदाताओं की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। पत्र में इस बारे में चीजों को स्पष्ट किया गया है कि भले ही करदाता राज्य कर प्राधिकरण के अंतर्गत आते हों, केंद्र सरकार के कर अधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं।
इसी प्रकार राज्य सरकार के अधिकारी केंद्रीय प्राधिकार के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में गड़बड़ी करने वाले करदाताओं के खिलाफ कदम उठा सकते हैं।
जीएसटी परिषद ने जनवरी 2017 में यह निर्णय किया था कि केंद्र तथा राज्य कर प्रशासन दोनों को सूचना आधारित प्रवर्तन कार्रवाई करने का अधिकार होगा। इसी आदेश के बाद प्रदेश सरकार की कवायद तेज हुई है। इसका सीधा असर अब उन व्यापारियों पर पड़ेगा जो कर अदा नहीं करते थे।
इस कदम से गड़बड़ी करने वाले करदाताओं के खिलाफ शीघ्रता से कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। साथ ही, कर चोरी पर लगाम लगेगा। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने पिछले साल के चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह हर महीने एक लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था।