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8 जुलाई, 2024
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“हर खेत को पानी…” हकीकत, शर्म से पानी-पानी…वाह सरकार! आह! बांस-बल्लों से दौड़ती “नदारद” करंट

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सतीश झा। बेनीपुर में कृषि फीडर योजना की खामियां: किसानों की समस्याएं और विभाग की लापरवाही उस दौरान सामने आई जब सच्चाई जानने देशज टाइम्स वहां पहुंची।

बेनीपुर क्षेत्र के किसानों के लिए बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “हर खेत को पानी” धरातल पर अपेक्षित परिणाम नहीं दे रही है। बेनीपुर विद्युत अवर प्रमंडल में कृषि फीडर योजना के सही तरीके से कार्यान्वित न होने के कारण किसान कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

मुख्य समस्याएं और लापरवाही

  1. अलग कृषि फीडर का अभाव
    • सात निश्चय योजना पार्ट-2 के तहत किसानों को न्यूनतम मूल्य पर निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए अलग कृषि फीडर चालू करने की घोषणा की गई थी।
    • हालांकि, पूरे प्रमंडल में केवल बहेड़ा में कृषि फीडर चालू किया गया है। शेष क्षेत्र अब भी इस सुविधा से वंचित है।
  2. जोखिम भरे अस्थाई कनेक्शन
    • किसानों को जनरल फीडर से बिजली आपूर्ति दी जा रही है।
    • खेतों तक बिजली पहुंचाने के लिए बांस-बल्लों के सहारे अस्थाई तारों का उपयोग किया जा रहा है, जो बेहद खतरनाक है और दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर सकता है।
  3. सिंचाई के लिए ट्रांसफार्मर और विद्युतीकरण की कमी
    • कई इलाकों में कृषि कार्य के लिए अलग ट्रांसफार्मर और विद्युतीकरण की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
    • किसान निजी खर्च पर लंबी दूरी तक तार खींचकर खेतों तक बिजली पहुंचाने को मजबूर हैं।
  4. विभागीय उदासीनता और मिलीभगत
    • विद्युत विभाग के अभियंता जनरल फीडर से अस्थाई कनेक्शन देकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं।
    • किसान खतरनाक कनेक्शन के सहारे सिंचाई का कार्य कर रहे हैं, लेकिन विभाग इससे अनजान बना हुआ है।
  5. कनीय अभियंताओं की अनभिज्ञता
    • मंगलवार को पत्रकारों ने माधोपुर में कई खेतों में इन अस्थाई कनेक्शनों का निरीक्षण किया।
    • पूछताछ पर संबंधित कनीय अभियंता ने स्थिति से अनभिज्ञता जाहिर की।
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किसानों की परेशानी

इस स्थिति में किसानों को न केवल अपनी फसल के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, बल्कि उन्हें हर वक्त दुर्घटनाओं का डर भी सताता है। सरकार द्वारा कृषि फीडर चालू करने का वादा अब तक केवल कागजों तक सीमित है।

सरकार और विभाग के लिए सुझाव

  1. सभी क्षेत्रों में कृषि फीडर योजना को जल्द से जल्द लागू किया जाए।
  2. ट्रांसफार्मर और उचित विद्युतीकरण की व्यवस्था की जाए।
  3. अस्थाई और खतरनाक कनेक्शनों पर रोक लगाई जाए।
  4. विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए और उनकी कार्यप्रणाली की नियमित निगरानी हो।
  5. किसानों को तकनीकी और आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
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कृषि फीडर योजना का सही कार्यान्वयन ही किसानों की समस्याओं का समाधान कर सकता है। सरकार और विभाग को इस दिशा में शीघ्र ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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