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26 नवम्बर, 2024
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दरभंगा में Rajendra Prasad Central Agricultural University पूसा के वीसी कृष्ण कुमार ने किया किसानों का आह्वान, कहा-वैज्ञानिक तकनीक से करें खेती, सामूहिक खाद्य प्रसंस्करण अपनाएं, होगा आर्थिक समृद्ध

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जाले, देशज टाइम्स। वैज्ञानियों ने देश के किसानों से आह्वान किया कि आप मूल्य वर्धित खेती करें जिससे आपके साथ राष्ट्र भी समृद्ध हो सके। दरभंगा जिला के किसानों के कृषि वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र जाले के कृषि विज्ञान केंद्र ने
रोज नए नए आयाम गढ़ रहा है।

कृषि विज्ञान केंद्र में एक दर्जन से अधिक युवा वैज्ञानिक है जो आपको कृषि के क्षेत्र में हर स्तर से सहायता करेंगे।इस आशय की बातें डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ.कृष्ण कुमार ने जाले कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग अन्नयन योजना सह प्रशिक्षण समारोह के उद्घाटन के मौके पर क्षेत्रीय किसानों अपने संबोधन में कहा।

आगे उन्होंने कहा कि दरभंगा प्रमंडल के खेतो की मिट्टी में उर्वरा शक्ति भरा पड़ा है,जिसे रसायनिक उर्वरक के अंधाधुंध प्रयोग से वह बिगड़ रहा है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि आप अपने खेतो के मिट्टी जांच कराकर ही खेतों के मांगों के अनुसार ही उर्वरक का प्रयोग करें। इन्होंने किसानों से आह्वान किया की आप जैविक उर्वरक का प्रयोग करते हैं तो आपके साथ आपके खेतो की उपज शक्ति बढ़ेगी।

इन्होंने यह भी कहा कि विज्ञानियों द्वारा कृषि क्षेत्रों में नए-नए आयामों को अपनाकर आप आर्थिक संपन्न हो सकते है। प्रधानमंत्री का आह्वान है की देश का किसान की आर्थिक आय दुगनी हो,आप में यह क्षमता है सिर्फ आत्म शक्ति बढ़ाने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन के दौर में वैज्ञानिक विधि से खेती का नया-नया आयाम आपके पास है आपको इसे समझने की जरूरत है।

कृषि में वैज्ञानियों की ओर से बताए गए नए तकनीक से खेती कर अप अपने सहित राष्ट्र को आर्थिक समृद्धि संपन्न करने में अपना योगदान दें। इन्होंने मूल्य वर्धित उत्पादों को बाजार में ले जाने के लिए स्वम सहायता समूह बनाकर सामूहिक खेती सामूहिक आर्थिक समृद्धि की बातो को आत्मसात करने को कहा।

इस मौके पर डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के अधिष्ठाता डॉ के.एम.सिंह ने क्षेत्रीय किसानों का आह्वान किया की किसानों को यह समझना होगा कि जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षापात कम हो गया है,मिथिलांचल जहां पानी से बाढ़ झेलने को अभिशप्त था आज सुखार की मार को झेल रहा है।जिस राजस्थान का मरुभूमि धूल बालू की ढेर के लिए प्रसिद्ध था वहां वर्षा से बाढ़ आ गया है।

इन्होंने किसानों से आह्वान किया की विलुप्त प्रजाति की खेती मरूवा कोउनी की खेती के साथ साथ पशुपालन करने का आह्वान किया। इन्होंने अपने चर्चा में कहा की नाबार्ड द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आम के लिए बीस वर्ष पूर्व दरभंगा जिला को सर्वाधिक आम उत्पादक एवम सैकड़ों प्रजाति के आम के लिए चयन किया था।लेकिन आज खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी हम कई पावदान पीछे चल रहे है।इन्होंने किसान  समूह बना कर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में बहुत संभावना

है स्वेम सहायता समूह बनाकर हमे आगे बढ़ना होगा।

कार्यक्रम को आत्म के पी.डी.पूर्णेंदु नाथ झा ने अपने संबोधन में कहा की सामूहिक रूप से खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में किसानों को आर्थिक रूप से वह मदद को तत्पर है। किसान अपने अपने उत्पाद मखाना दूध फल मछली आदि के क्षेत्र में स्वम सहायता समूह का गठन कर निबंधन कराए हम हर तरह से उन्हें मदद को तत्पर रहेंगे।

कार्यक्रम को दुध्ध उत्पादक किसान पशुपति नाथ मिश्र मखाना उत्पादक किसान धीरेंद्र कुमार प्रगतिशील किसान भोला सिंह ने भी संबोधित किया।मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉक्टर दिव्यांशु शेखर ने कृषि विज्ञानियों द्वारा केंद्र से किसानों को दी जा रही रोजगार उन्मुखी प्रशिक्षण समेत कृषि के क्षेत्र में किए गए कार्य को बिंदुवार चर्चा किया मंच संचालन अंजली सुधाकर ने की।

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